
वाराणसी । बलिया में वर्ष 2002 और 2005 के मध्य केन्द्र सरकार की ओर से चलाई गई सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत ग्रामीण परिवारों अतिनिर्धन, गरीब बालश्रमिकों के माता-पिताओ को रोजगार देकर खाद्यान्न और नकद धनराशि का भुगतान किए जाने थे।
लेकिन वितरण के लिये जिम्मेदार सीडीओ और ग्राम्य विकास से जुड़े अधिकारियों और कोटेदारों के द्वारा नियमों और मानको की धज्जियां उड़ाते हुए व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से आपस में दुरभिसंधि कर, छल कपट से, अभिलेखों में कूटरचना कर खाद्यान्न और नकद धनराशि का दुर्विनियोग किया गया है।
बुधवार को आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन, मुख्यालय लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक, ईओडब्ल्यू वाराणसी लाल साहब यादव के द्वारा निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में गठित टीम निरीक्षक मुख्य आरक्षी विनीत पांडे, सरफराज अंसारी, सुनील मिश्रा
और अरविंद सरोज के द्वारा दोपहर में ब्लॉक मनियर गेट के पास से अभियुक्त अरुण कुमार सिंह पुत्र देवनाथ सिंह निवासी ग्राम खटंगी थाना सिकंदरपुर, बलिया तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी ब्लॉक नवानगर वर्तमान नियुक्ति सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) ब्लॉक मनियर को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त किया गया।
अभियुक्त की संलिप्तता थाना सिकंदरपुर, बलिया पर पंजीकृत अ. सं.45/2006 धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 B एवं धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अंतर्गत प्रथम दृष्टया पाया गया है।
⚡️वर्ष 2002 से 2005 के दौरान जनपद बलिया के नवानगर ब्लॉक के विभिन्न गांवों में ग्राम पंचायत अंश से योजना के तहत मिट्टी, नाली निर्माण, खडंजा, पटरी मरम्मत, सम्पर्क मार्ग, सीसी और पुलिया निर्माण का कार्य कराया जाना था। परंतु कार्य मानक के अनुरूप नहीं और अपूर्ण पाया गया था।
गिरफ्तार अभियुक्त के द्वारा अन्य सहअभियुक्तों से मिलीभगत करके धोखाधड़ी, कूटरचित अभिलेखों के आधार पर शासकीय धन का गबन का अपराध करते हुए खाद्यान्न का वितरण मजदूरों को नहीं किया गया है।
गिरफ्तार अभियुक्त को विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम वाराणसी के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु पुलिस टीम वाराणसी के लिए प्रस्थान की है।