वाराणसीः आजादी के अमृत महोत्स के अंर्तगत ICAR-CIFRI (भाकृअनुप- केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर (पश्चिम बंगाल)) ने ‘राष्ट्रीय स्तर पर रैन्चिंग कार्यक्रम को बड़े धूमधाम से मनाया.
इस दौरान शुक्रवार को वाराणसी के अस्सी घाट पर संस्थान गंगा नदी के समग्र मत्स्य विकास के लिए ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत मत्स्य रैन्चिंग, डॉल्फिन एवं जल संरक्षण और जन जागरूकता किया गया. इस मौके पर केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री पुरषोत्तम रुपाला मौजूद रहे.
वहीं 2 लाख से अधिक फिंगरलिंग (अंगुलिकाओं) को अस्सी घाट से गंगा नदी में छोड़ा गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य गंगा नदी की जैव विविधता को बनाए रखने एवं मछुआरों के बेहतर जीविकोपार्जन को उचित दिशा देना हैं.
केंद्रीय मंत्री ने आम नागरिको से अपील किया है कि नदी की स्वछता को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इसे साफ सुथरा रखे, इसमें किसी भी प्रकार की केमिकल वाली वस्तु, बिस्किट, साबुन , प्लास्टिक, शैंपू, सर्फ, इत्यादि की पुड़िया को गंगा में ना प्रवाहित करें. इससे न केवल गंगा प्रदूषित होती है बल्कि नदी में रहने वाले जीवों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.