हुआ देश आजाद, तो तीन बड़ी चुनौतियाँ सामने आई,
बनी रहे सदा भारत की अखण्डता, कायम हो लोकतंत्र
और हो देश का सतत चतुर्दिक, अहर्निश पूर्ण विकास।
हो अनेकता में एकता, सहजी,समेटी रहे विभिन्नता
पूरी हो सबकी बुनियादी जरूरतें, मिले सबको
रोटी,कपड़ा और मकान, हाँ जी, रोटी,कपड़ा और मकान,
बौध्दिकता का हो विस्तार, सबको मिले अपरिमित ज्ञान
पर्यावरण के प्रहरी बने सब,हरा-भरा हो अपना घर संसार
ऊंच-नीच का भेद न हो,मिले सबको समता का अधिकार
कुछ ऐसी हो हमारे देश की नीति या हमारे देश का संविधान
299 लोगो के संग,अध्यक्ष बाबा भीमराव ने संभाली कमान
मेहनत सभी ने की जी-तोड़, विश्व के सभी संविधानों को निचोड़,
2 साल,11महीने 18 दिन में बनकर,26 नवंबर 1949 के
दिन ही,पारित हुआ विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान।
22 भागों में बंटा,395 अनुच्छेदों,12 अनुसूचियों से संवरा,
26 जनवरी 1950 को लागू हुआ,3.75 किलो भारी किताब
में लिखा अपने भारत का संविधान,अपने भारत का संविधान
इसीलिए तबसे गणतंत्र दिवस मनाने का चलता आया विधान।
हर साल गर्व से, अनवरत मनाते रहे हमसब ये दिवस महान।
स्वर्ग से सुन्दर,सपनों से प्यारा,अपना अखण्ड भारत वर्ष महान।