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आईआईवीआर की 26सवीं शोध परामर्शदात्री समिति की बैठक डॉ के ई लावन्दे की अध्यक्षता में प्रारंभ हुई जिसमें अतिथियों का स्वागत करते हुए
कार्यकारी निदेशक डॉ नागेंद्र राय ने गत वर्ष के कार्यों को समीक्षात्मक रूप से प्रस्तुत किया और बताया कि 2023-24 में कुल 19 इंस्टिट्यूट प्रोजेक्ट के माध्यम से संस्थान ने 22 परंपरागत एवं 6 हाइब्रिड सब्जी किस्में विकसित कीं और 3 टेक्नोलॉजी को आईसीएआर द्वारा मान्यता मिली है।
माननीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा देश को समर्पित किगें 109 किस्मों में से 2, काशी सुभ्रा और काशी बौनी सेम 207 आईआईवीआर की भी शामिल हैं।
गत वर्ष आईआईवीआर के वैज्ञानिक विश्व भर के 2% चोटी के वैज्ञानिकों की लिस्ट में जगह बनाने में सफल हुए हैं, 11 विश्व विद्यालयों के साथ एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं, 2000 किसानों को सीधे लाभान्वित किया गया है और 34 वर्ष की संस्थान की यात्रा में 60 से अधिक देश विदेश के अवार्ड मिले हैं।
संस्थान के कार्यकारी निदेशक डर नागेन्द्र राय ने स्वागत संबोधन करते हुए संस्थान की 3 दशकों की विकास यात्रा एवं उपलब्धियो का वर्णन किया।
डॉ के ई लवान्डे ने संस्थान द्वारा किये जा रहे नवीनतम सब्जी शोध कार्यों की प्रसंशा की तथा भविष्य की चुनौतियों से निबटने के लिए नई कार्ययोजना तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
निजी क्षेत्र के प्रसिद्ध सब्जी वैज्ञानिक डॉ सुरिन्दर टिक्कू ने सब्जियों में रोग प्रतिरोधिता एवं गुणवत्ता सुधार हेतु पूर्व प्रजनन तकनीकों को अपनाने की सलाह दी। तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के संकाय प्रमुख डॉ एम रवीन्द्रन ने विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिकों का समूह बनाकर निर्यात हेतु उपयुक्त सब्जियों पर शोध करने का आग्रह किया।
प्रसंस्करण विशेषज्ञ डॉ आर के पाल ने सब्जी किस्मों में जैव रासायनिक मानकों के निर्धारण की बात कही जिससे प्रसंस्करण एवं निर्यात को बढ़ावा मिले। सब्जी रोग विज्ञानी डॉ एस श्रीराम ने बताया कि वर्तमान में सब्जियों में विषाणु जनित रोगों एवं ब्लैक थ्रिप्स जैसे अति हानिकारक कीटों के प्रबन्धन हेतु नवीन शोध एवं कार्ययोजना तैयार करने की आवश्यकता है।
समिति के समक्ष की गई प्रस्तुतियों में फसल उन्नयन विभाग के लिए डॉ डी आर भारद्वाज, फसल उत्पादन के लिए डॉ अनंत बहादुर सिंह, फसल सुरक्षा के लिए डॉ ए एन सिंह तथा टेक्नोलॉजी प्रमोशन के लिए डॉ नीरज सिंह ने विभिन्न प्रभागों के कार्यों को विस्तार से प्रस्तुत किया। समिति के समक्ष बैठक के दौरान स भी वैज्ञानिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन फसल सुरक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अरविंद नाथ सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रधान वैज्ञानिक डॉ हरे कृष्ण ने किया।