अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पूर्वोत्तर रेलवे महेंद्र कुमार पांडेय की कोर्ट से आठ साल पहले पेशी के दौरान पुलिस अभिरक्षा से भागे बंदी के मामले में दरोगा समेत चार पुलिसकर्मियों को राहत मिल गई। कोर्ट ने तत्कालीन आरोपी दरोगा बलराम यादव, सिपाही बीरेंद्र प्रताप यादव, दीपक सिंह रोहित सिंह को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त कर दिया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 29 अप्रैल 2017 को उपनिरीक्षक रमेश चंद्र वाराणसी सिटी जीआरपी चौकी प्रभारी थे और ट्रेन संख्या 55014 पैसेंजर ट्रेन वाराणसी सिटी से एक आरोपी पुलिस हिरासत से भाग गया।
चार पुलिसकर्मी बलराम यादव, बीरेंद्र प्रताप यादव, दीपक सिंह, रोहित कुमार यादव पुलिस लाइन गाजीपुर में थे। आरोपी राकेश उर्फ करिया निवासी पट्टी, थाना-भुडकुड़ा, गाजीपुर को जिला कारागार, गाजीपुर से निकालकर रीवा, एमपी कोर्ट में पेशी कराने ले गए थे।
लौटते समय वाराणसी सिटी स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन में 29 अप्रैल की भोर में 3.30 बजे आरोपी राकेश पुलिस हिरासत से भाग निकला। पुलिसकर्मी के खिलाफ जीआरपी मऊ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। विवेचना के बाद पुलिस ने चारों आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। कोर्ट में अभियोजन की ओर से छह गवाह पेश किए।

