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वाराणसीः कल सोमवार को दिल्ली से पधारे साहित्यकार श्री रजनीकांत शुक्ल ने बरेका इंटर कॉलेज में बच्चों से अपने चुलबुले अंदाज में संवाद किया. उन्होंने अपनी मजेदार कहानियों- कविताओं से बच्चों को खूब गुदगुदाया. छात्र-छात्राओं ने इस अनूठे कार्यक्रम का खूब आनंद लिया. श्री रजनीकांत शुक्ल ने बताया कि प्रकृति बड़ी है और मनुष्य छोटा. शब्दों के प्रयोग पर ध्यान देना चाहिए. कई निरर्थक शब्द और वाक्य हम हमेशा उपयोग में लाते रहते हैं. इससे बचना चाहिए, जैसे- अनेकों, बेफजूल इत्यादि.


श्री शुक्ल ने कई लोकप्रिय कहानियों को कविताओं के रूप में प्रस्तुत किया. 'आज अकल है आई', 'गेहूं और चना', 'गुलाब जामुन और सोहन हलवा', 'पैरों की हड़ताल' इत्यादि. इन कहानीनुमा कविताओं पर बच्चों ने खूब तालियां बजाईं. 'बेफजूल की बात' कहानी में सबको बहुत मजा आया. हँसते मुस्कुराते हुए श्री शुक्ल ने बच्चों को कई काम की बातें सहज ही समझा दीं.


   विद्यालय के वरिष्ठ प्रवक्ता श्री धर्मवीर सिंह के विशेष प्रयास से श्री रजनीकांत शुक्ल ने विद्यालय के बच्चों के लिए समय दिया. श्री शुक्ल 'सर्व सेवा संघ' राजघाट, वाराणसी, द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी में भाग लेने वाराणसी आए हैं.  

  विद्यालय के प्राचार्य श्री राजेश कुमार सैनी तथा वरिष्ठ प्रवक्ता  अशोक कुमार माहेश्वरी ने श्री रजनी कांत शुक्ला का स्वागत किया तथा पुनः विद्यालय आगमन का आग्रह भी किया. कार्यक्रम का कुशल संचालन विकास कुमार पांडेय भूगोल प्रवक्ता ने किया. सभागार में करुणा सिंह, राजीव सिंह, रविशंकर, शालिनी उपाध्याय, परवेज़ अख्तर, सौरभ श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे.
रिपोर्ट- शांतनू चक्रवर्ति
 

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