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आगराः आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि मंडल के द्वारा कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी के माध्यम से अपर प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को एक ज्ञापन. आगरा कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं प्रबंध समिति के पदाधिकारियों द्वारा संपत्ति के खुर्दबुर्द करने गबन एवं वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के संबंध में दिया गया. 

जिसमें आगरा कॉलेज के ट्रस्ट का गठन जिला जज द्वारा धारा 92 सीपीसी के तहत सिविल सूट संख्या 01 /1944 में पारित आदेश दिनांक 2-11 -1944 के तहत किया गया था. जिसके अनुसार मंडल के आयुक्त अध्यक्ष पदेन जिलाधिकारी उपाध्यक्ष प्राचार्य सचिव के अतिरिक्त ट्रस्ट डीड के अनुसार एक बोर्ड ऑफ ट्रस्टी होता है. जिसमें 6 सदस्य नामित होते हैं परंतु वर्तमान में बोर्ड ऑफ ट्रस्टी इसका पूरा गठन नहीं है. जिसका लाभ लेते हुए विद्यालय के प्राचार्य अनुराग शुक्ला द्वारा गंभीर वित्तीय अनियमितताएं बढ़ती जा रही हैं.

 जिनको लेकर यह ज्ञापन दिया गया जिसमें बिना जिला जज की अनुमति के महा विद्यालय के खेल के मैदान व शहीद भगत सिंह छात्रावास को हस्तांतरित कर देना प्रमुख है यह ट्रस्ट की धारा 92 सीपीसीके विरुद्ध है इसके अलावा संस्था का एक अवैधानिक खाता कैनारा बैंक में खोला गया है.  खातेदार डॉ राजीव कुमार श्रीवास्तव है और इस खाते से ही मनमाने तरीके से परीक्षा केंद्रों का पैसा व अन्य प्रकार के लेन-देन हो रहे हैं जबकि यह पैसे का लेन देन केवल आगरा कॉलेज के अन्य बैंक खातों से ही होना चाहिए था जिसमें अध्यक्ष आगरा मंडल के आयुक्त हैं.

 वहीं, दूसरी ओर आगरा कॉलेज इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए शासनादेश दिनांक 13 एक 2000 के परिपालन में अलग से प्राचार्य की नियुक्ति की जाने के संबंध में है परंतु कॉलेज के प्राचार्य अनुराग शुक्ला के द्वारा उस पर भी अवैधानिक कब जा करा गया है. जिस पर कार्यवाही होनी चाहिए वही साइकिल स्टैंड के नाम पर सभी छात्रों से अवैध वसूली हो रही है यह गंभीर आरोप है यह कहना था ज्ञापन देते समय कपिल बाजपेई ,डॉ वीरेंद्र सिंह, अश्वनी शर्मा एडवोकेट, शानू कुरैशी  , तरुण भार्गव, कैलाश चंद ,गौरव बघेल, रामसेवक धाकरे, बिट्टू पंडित, सलमान जुमा खान ,इब्राहिम  ,योगेश सत्संगी ,हुकम सिंह, राहुल सिंह, तरुण कुमार, अब्दुल रहमान आदि 

साथी उपस्थित रहे जिन्होंने आगरा कॉलेज की संपत्ति के खुर्दपुर करने के गंभीर आरोप लगाए तथा अपेक्षा करी शासन से और उत्तर प्रदेश सरकार से कि वह तत्काल प्रिंसिपल को निलंबित कर कंट्रोलर (साधिकार नियंत्रक) की नियुक्ति कर शिकायत की विस्तृत जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर आएगा अन्यथा की दशा में आम आदमी पार्टी धरने प्रदर्शन के साथ-साथ न्यायालय में जाने के लिए बाध्य है.

रिपोर्ट- आरती यादव

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