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वाराणसीः कुख्यात बदमाश अजय सिंह उर्फ़ विजय ने चंदौली में सरेंडर कर दिया है. ये डॉक्टरों से रंगदारी वसूलने के आरोपों जेल जा चुका था. उसने शुक्रवार को गुपचुप तरीके से चंदौली गैंगेस्टर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस को इस बात की जरा भी भनक नहीं लग सकी. 


हाल ही में लखनऊ में हुई TTE की हत्या में उसके विरुद्ध गैर जमानती वारंट इश्यू हुआ था. फिलहाल उसे वाराणसी के चौकाघाट जेल में रखा गया है, जहां से रिमांड पर ले जाने की लखनऊ पुलिस तैयारी कर रही है. कुख्यात बदमाश अजय सिंह के सरेंडर करने के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में हलचल मची हुई है.
सरकारी डॉक्टर की हत्या कर हुआ कुख्यात

बता दें कि वाराणसी, गाजीपुर और चंदौली में उसके विरुद्ध 25 से अधिक मामले दर्ज हैं. उसका नाम पूर्वांचल में सबसे पहले वाराणसी के सरकारी डॉक्टर डीपी सिंह की ह्त्या में आया था. 13 सितम्बर 2007 को उनकी पांडेयपुर इलाके में गोली मारकर ह्त्या कर दी गयी थी. इसके लिए उसे सुपारी दी गयी थी जिसमें डाक्टर की पत्नी और 6 अन्य को पुलिस ने जेल भेजा था.


इस ह्त्या के बाद से ही वाराणसी के डॉक्टरों, व्यापारियों और ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने, हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण के लिए अजय सिंह कुख्यात होता चला गया। दिसंबर, 2012 में गाजीपुर के सैदपुर में अजय सिंह ने सराफा कारोबारी भाइयों की हत्या कर लूट की बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. ऐसे तमाम मामले में विजय जेल जा चुका है.
वाराणसी पुलिस अलर्ट
अजय सिंह उर्फ विजय को अदालत की अनुमति से लखनऊ पुलिस पूछताछ के लिए अपने साथ ले जाने की तैयारियों में जुट गई है. वहीं, चंदौली में अजय सिंह के सरेंडर करने की वजह से वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस भी अलर्ट मोड में है. चंदौली में अजय के सरेंडर करने के पीछे पुलिस उसकी सोची-समझी चाल मान रही है. आशंका जताई जा रही है कि कहीं अजय सिंह उर्फ विजय रंगदारी वसूलने वाले अपने गिरोह को फिर से एक्टिव तो नहीं कर रहा है.


 

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