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वाराणसी/ राजातालाब: विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर मनरेगा मज़दूर यूनियन के तत्वावधान में राजातालाब में बालश्रम अभिशाप है और देश के प्रगति में बाधक है, बच्चे देश के भविष्य हैं, हम सबका दायित्व है कि उन्हे बेहतर आज दें, ताकि सुनहरे कल का निर्माण हो सके। आइए हम विश्व बाल श्रम निषेध दिवस को सार्थक बनाने में सहयोग करें सहित अन्य स्लोगन के साथ शनिवार को स्थानीय बच्चों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व किशोरी युवा मंच संगठनों के प्रतिनिधियों के नेतृत्व में रैली निकालने के बाद बालश्रम उन्मुलन जागरूकता बैठक का आयोजन किया गया. साथ ही लोगों को बालश्रम नहीं करने हेतु जागरूक किया गया.

जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के उद्देश्य से अवगत कराते हुए कहा गया कि, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा वर्ष 2002 से हर साल 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है और लोगों को बाल श्रम के प्रति जागरूक किया जा रहा है।



बैठक में वंचित समुदाय को मुख्यधारा में जोड़ने और बच्चों को उनके बचपन से जोड़कर उन्हें शिक्षित करने के संबंध में भी बताया गया।

'सिर्फ भारत में ही करीब 3.5 मिलियन बाल श्रमिक हैट'
यूनिसेफ के आकड़ो पर गौर करें तो, विश्वभर में 150 मिलियन बाल श्रमिक है और अकेले भारत में ही करीब 3.5 मिलियन बाल श्रमिक है। लगभग 1.5 मिलियन बच्चे खतरनाक और जोखिम भरे कार्य करते हैं, जिससे उनकी जान तक चली जाती है.


इस प्रकार से बाल श्रम के प्रमुख कारणों के गरीबी और अशिक्षा ही प्रमुख कारण है जिससे बच्चे कम उम्र में श्रम से जुड़ जाते हैं। इसलिए बच्चों को शिक्षा से जोड़ना और बचपन देना उनका अधिकार है। भारत सरकार द्वारा भी बाल श्रम प्रतिशेध अधिनियम 1986 संसोधन 2016 एंव शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के माध्यम से बच्चो को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए एंव बाल श्रम में संलग्न करने वालो को दंडित करने का प्रावधान है।

वहीं, चाइल्ड लाइन, पेंसिल पोर्टल एंव आरटीई आदि के बारे में बताया बाल अपराधों के खिलाफ 1098 पर करें कॉल

मनरेगा मज़दूर यूनियन के संयोजक सुरेश राठौर ने सभी का आभार व्यक्त किया और बताया कि, बाल श्रम एंव अन्य बाल अपराधों से बच्चों को बचाने के लिए 1098 चाइल्ड लाइन पर कॉल कर सकते हैं.

 

 

रिपोर्ट- अनंत कुमार

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