Shaurya News India
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पड़री/मिर्जापुर- जहां पर सरकार की बड़ी-बड़ी योजनाएं उत्तर प्रदेश की आम जनता को बड़े पैमाने पर लाभान्वित कर रही हैं. वहीं पर विद्युत विभाग की योजनाएं प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई जिसमें हर घर बिजली तथा ज्योति योजना, विद्युतीकरण आदि योजनाओं को चलाते हुए पूरे प्रदेश में विद्युत की भरपूर पूर्ति की गई लेकिन  अभी भी तमाम जगहों पर विद्युत की पहुंच अधूरी है.


 जहां पर लोग बेबस हैं बांस की बल्ली गाड़ कर विद्युत की पूर्ति अपने दैनिक जीवन में कर रहे हैं. इसका जीता जागता उदाहरण पहाड़ी ब्लाक स्थित ग्राम सभा लोकापुर के उमरिया गांव में देखा जा सकता है.  नेशनल हाईवे -7 से लगा हुआ  गांव उमरिया में लोग रोड के किनारे बांस गाड़ कर केबल के सहारे अपने दैनिक जीवन में विद्युत की उपयोगिता कर रहे हैं और उसकी उपयोगिता निःशुल्क नहीं बल्कि बिल देकर कर रहे हैं.  यह सोचने वाली बात है- क्यों लोग बांस  के सहारे केबल के माध्यम से दूर-दूर तक तार  ले जा रहे हैं. इस नजारे को देखा जाए तो यह कितने बड़े खतरे का देवतक साबित हो सकता है. 


इस गांव में विभाग के आला अधिकारीयों का आवागमन हुआ होगा लेकिन उनकी निगाहें इस पर ठहरी नहीं विद्युत विभाग की तमाम योजनाएं चली जिसमें विद्युतीकरण के लिए बिजली के पोल तार इत्यादि की उपलब्धता भरपूर मात्रा में सरकार के द्वारा कराई गई. लेकिन कुछ चंद अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी तक गांव में विद्युतीकरण सही ढंग से नहीं हो पाया जिससे विद्युत उपभोक्ता परेशान है. आए दिन  बांस  तार समेत जमीन पर गिर जाते है. जिससे कि संभावित खतरा होने की आशंका हमेशा बनी रहती है.


 जिस रोड पर लोग बांस गाड़ के केबल तार ले गए हैं इस रोड से हजारों की संख्या में लोगों का आवागमन होता है कई विद्यालयों के बच्चे आते जाते हैं. लेकिन विद्युत विभाग की इतनी बड़ी उदासीनता इस गांव में देखने को मिल रही है कि इस गांव में देखने से प्रतीत होता है. किस तरीके से विद्युत विभाग उत्तर- प्रदेश सरकार की योजनाओं को धरा शाही कर रही है.

रिपोर्ट- भोलानाथ यादव

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