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उत्तर प्रदेश की अमेठी में बाइक सवार बदमाशों ने चुनावी रंजिश के चलते चाचा और भतीजे की गोली मार कर हत्या कर दी तहसील में तैनात संग्रह अमीन व उसके भतीजे पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी गोली लगने से चाचा और भतीजे की मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना में गंभीर रूप से घायल चाचा भतीजे को सीएचसी पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।मौके पर पुलिस अधीक्षक समेत कई थानों की फोर्स मौजूद 

दरसल पूरा मामला मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र के दादरा रोड ईट भट्ठे के पास का है जहां पर सुरेश यादव मुसाफिरखाना तहसील में संग्रह अमीन व अमीन संघ के तहसील महामंत्री थे। रात करीब पौने 9 बजे सुरेश अपने भतीजे बृजेश यादव प्रधान प्रतिनिधि भद्दौर के साथ बोलेरो से अपने घर जा रहे थे। जैसे ही वह दादरा गांव ईट भट्ठे के पास पहुंचे ही थे कि अचानक दो बाइक से आये चार बदमाशों ने उनके वाहन को रोककर दोनों पर ताबड़तोड़ कई राउंड फायर किया और मौके से फरार हो गए।घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस अधीक्षक समेत कई थानों की पुलिस पहुंची और चाचा भतीजे को तत्काल सीएचसी मुसफिरखाना पहुंचाई जहां पर डॉक्टरों उन्हें मृत घोषित कर दिया।

थाना मुसाफिरखाना पुलिस को गोली चलने की सूचना प्राप्त हुई थी भददौर गांव में गोली चली है दादरा के पास यह घटना हुई जिसमें 2 लोगों को गोली लगी है पुलिस द्वारा घायलों को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने इलाज के दौरान दोनों को मृत घोषित कर दिया अभी परिवार के द्वारा तहरीर प्राप्त किया गया है तहरीर प्राप्त कर मुकदमा दर्ज किया गया है आगे की कार्यवाही की जा रही है परिजनों ने 5 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा की तहरीर दी है जिसको पंजीकृत कर आगे की विधिक कार्यवाही में पुलिस जुटी है चुनावी रंजिश में यह घटना निकल कर सामने आ रही है कानून व्यवस्था बिल्कुल सामान्य है

वहीं मृतक के भाई दुर्गेश यादव ने बताया कि बृजेश यादव हमारे भाई हैं वही सुरेश यादव हमारे चाचा हैं इनको कुछ लोग मार दिए इसके पहले भी इनके ऊपर जलालुद्दीन ने ऊपर हमला किए थे इनके बाएं हाथ में गोली लगी थी  सुरक्षा की मांग किए थे हम लोग उसमें सीओ और कोतवाल के साइन भी हैं लेकिन आज तक सुरक्षा नहीं मिली हमारा विवाद पुरानी रंजिश चुनाव का था लेकिन हमने कई बार प्रशासन को बताया था हमारी कहीं सुनवाई नहीं हुई हम चाहते हैं हमें दो शस्त्र की व्यवस्था दे दे और गनर की व्यवस्था भी दे हम कातिलों को पहचानते हैं 5 लोग को हम लगभग जानते हैं 2 लोग को नहीं पहचानते।
 

रिपोर्ट- हंसराज सिंह

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