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सुल्तानपुरः आज लेखपाल संघ का पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक सिंह 25 हजार रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हो गया. एंटी करप्शन टीम ने उसे गिरफ्तार किया है. आज गोरखपुर कोर्ट में टीम उसे पेश भी करेगी. लेकिन महत्वपूर्ण सवाल यह है सदर तहसील कैंपस में अशोक जैसे ऐसे दर्जनों चेहरे हैं जिनकी टेबल से रिश्वत के बगैर फाइल पास नहीं होती. क्या अब जिम्मेदार अधिकारी उनके विरुद्ध कार्रवाई की ताकत जुटा पाएंगे.
बताते चलें कि थाना कोतवाली देहात के लोलेपुर निवासी बहादुर अली ने अपनी एक भूमि का बैनामा नैनुल निशां को किया था. बैनामें के बाद विपक्षी जावेद आदि उसमें अपना हिस्सा बताते हुए आपत्ति लगा रहे थे. इसकी शिकायत पुलिस तक पहुंची तो पुलिस ने पैमाइश कराने की बात कही. तब मामला तहसील में पहुंचा. शिकायत कर्ता शमीम हाशमी का कहना है कि सदर तहसील क्षेत्र के नकराही में तैनात लेखपाल अशोक सिंह भूमि की पैमाइश करने के एवज में 25 हजार घूस मांग रहे थे. जिसकी शिकायत उसने एंटी करपशन में किया था.
तो वही बृहस्पतिवार को प्रभारी निरीक्षक राजेश त्रिपाठी, निरीक्षक सुरेंद्र सिंह, प्रवीण कुमार, धनंजय सिंह, राघवेंद्र सिंह व रावेंद्र सुल्तानपुर पहुंचे. केमिकल लगा नोट शमीम को दिया और तहसील गेट पर जैसे ही उसने लेखपाल अशोक सिंह को वो पैसे दिए वैसे ही टीम ने उसे दबोच लिया. प्रभारी निरीक्षक राजेश त्रिपाठी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गोसाईगंज थाने में लेखपाल के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
साथ ही साथ आपको अवगत कराते चलें की दो महीने पूर्व 30 मई को SDM सदर सी पी पाठक ने राजस्व निरीक्षक समेत कई लेखपालों को प्रतिकूल प्रविष्टि तो कई को कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी थी. इन लेखपालों में एक नाम लेखपाल अशोक सिंह का भी था. लेकिन चेतावनी के बावजूद वो नहीं समझे. बीते एक जून को सदर तहसील के ही हसनपुर क्षेत्र के लेखपाल शशि कुमार का 10 हजार रुपए घूस लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था. उसने इसी गांव के एक व्यक्ति से घरौनी में नाम दर्ज करने के एवज यह रकम ली थी. जिसे एसडीम ने निलंबित किया था.
रिपोर्ट- सन्तोष पाण्डेय