देशभर में आज से चार दिन की छठ महापर्व की पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हो गई है. छठ का महापर्व हर साल दीपावली के छह दिन बाद मनाया जाता है. महिलाएं आज स्नान कर साफ कपड़े पहनेंगी. सात्विक भोजन बिना लहसुन-प्याज के आहार लेना होगा.
लोक आस्था के महापर्व छठ की मान्यता के अनुसार, लौकी-भात और चने की दाल खाकर छठ मैया की पूजा का शुभारंभ व्रती महिलाएं करेंगी. व्रती महिलाओं के बाद ही घर के दूसरे सदस्य भोजन कर सकते हैं. परिवार में हर किसी को सात्विक भोजन ही खाना होता है. आज रात में ही 36 घंटे के लिए बिस्तर छोड़ना होगा. कल से महिलाएं लगातार 36 घंटे का निर्जल व्रत रहेंगी.
काशी में 10 लाख श्रद्धालु करते हैं पूजा-पाठ
वाराणसी में छठ के दिन करीब 10 लाख श्रद्धालु पूजा-पाठ करते हैं. 85 से ज्यादा गंगा घाटों, सरोवरों, कुंड और तालाबों के किनारे साफ-सफाई तेजी से चल रही है. मगर, अभी तैयारियां अधूरी ही हैं. तालाबों और घाटों पर जमी मिट्टी हटाई जा रही है। रंगाई-पुताई भी चल रही है। सामने घाट से लेकर राजघाट तक गाद और कीचड़ हटाने का काम चल रहा है। वाराणसी के बनारस रेल इंजन कारखाना (BLW) स्थित सूर्य सरोवर पर करीब 10 हजार श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान है।