चंदौलीः शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में कालीमहाल स्थित पार्टी कैम्प कार्यालय पर चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती मनाई गयी. इस दौरान उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित की गयी.
उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए शहर अध्यक्ष रामजी गुप्ता ने कहा कि क्रांतिकारी आजाद का जन्म 23 जुलाई को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बदरका गांव में 1906 में हुआ था. अपनी भारत मां को अंग्रेजों के जुल्म से आजाद कराने के लिए मुस्कुराते हुए जान लुटाने वालों में से एक थे चंद्रशेखर आजाद, जो पैदा तो चन्द्रशेखर तिवारी बनकर हुए थे, लेकिन शहीद हुए चंद्रशेखर आजाद बनकर.
कहा कि आजाद की एक खासियत थी न तो वे दूसरों पर जुल्म कर सकते थे और न स्वयं जुल्म सहन कर सकते थे. 1919 में अमृतसर के जलियांवाला बाग कांड ने उन्हें झकझोर कर रख दिया था. चन्द्रशेखर उस समय पढ़ाई कर रहे थे. तभी से उनके मन में एक आग धधक रही थी. महात्मा गांधी द्वारा असहयोग आंदोलन खत्म किये जाने पर सैंकड़ों छात्रों के साथ चन्द्रशेखर भी सड़कों पर उतर आये. छात्र आंदोलन के वक्त वो पहली बार गिरफ्तार हुए. आजाद प्रखर देशभक्त थे. शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे.
इस दौरान विजय कुमार गुप्ता, नेहाल अख्तर बाबू, फैयाज अंसारी, मु नईम, मृत्युंजय शर्मा, रमेश सिंह रामा, भोला गुप्ता, धर्मवीर, राजू बरनवाल, विनोद यादव, दीपक गुप्ता, मु सलमान, अजय गुप्ता आदि लोग थे.