वाराणसीः जिस प्रकार से भारत सरकार ,रेल मंत्रालय रेल की सभी कमाऊ उत्पादन इकाइयों के निजीकरण/निगमीकरण के माध्यम से प्राइवेट पार्टनर के हांथो में सौपने का प्रयास कर रही है उसे ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी,सरकार नहीं मानी तो सरकार को एक वृहद आंदोलन का सामना करना पड़ सकता है.
धरना ब रे का प्रशासन भवन के सामने दोपहर 12.00 बजे से ही शुरू हो गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में यूनियन के पदाधिकारी एवम् कार्यकर्ता जमे रहे, डी एल डब्लु मेंस यूनियन के धरना एवम् प्रदर्शन का नैतिक समर्थन कर्मचारी परिषद,रेल मजदूर यूनियन,मेंस कांग्रेस ऑफ डी एल डब्लु ने भी किया. इसी क्रम में कारखाने का सायरन बजते ही सैकड़ों कि संख्या में कर्मचारी निगमीकरण एवम् निजीकरण विरोधी नरा लगाते हुए धरना स्थल पर पहुंच गए.
इसके उपरांत धरना स्थल पर सभा की शुरुआत हुई, सभा में बोलते हुए यूनियन के महामंत्री अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि जिस प्रकार से भारत सरकार रेल मंत्रालय रेल की सभी उत्पादन इकाइयों को कभी डॉक्टर विवेक देव राय समिति कि सिफारसो तो कभी 100 डे एक्शन प्लान ,के बहाने निजी पार्टनर को सौपने का कुचक्र रच रही है वो किसी भी कीमत पर पूरा नहीं होने दिया जाएगा. महामंत्री ने रेल मंत्रालय भारत सरकार से मांग की कि जिस प्रकार से ब रे का में पूर्व में टी ओ टी के माध्यम से इंजन का निर्माण किया जा रहा था. उसी तर्ज पर 12000 हार्ष पॉवर के इंजन का भी निर्माण किया जाए.
सभा को संबोधित करते हुए एआईआरएफ के जोनल सेक्रेटरी डॉक्टर प्रदीप शर्मा ने कहा कि भारत सरकार रेल मंत्रालय जिस प्रकार से भारतीय रेल के सभी उत्पादन इकाइयों का निजीकरण/निगमीकरण करने पर तुली है. उसे एआईआरएफ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी तथा सभा में कर्मचारियों से आह्वाहन किया की AIRF के नेतृत्व बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहे.
धरना एवम् सभा में प्रमुख रूप से अजय कुमार,अरविन्द प्रधान, त्रिलोकी नाथ सिंह,नरेंद्र सिंह भंडारी,रूपेश सिन्हा,राजेश सिंघ,आशुतोष कुमार,रंजीत सिंह, एस पी राय,अरुणेंद्र कुमार,अनंत सिंह,पंकज सिंह,संजय शुक्ला, राजेन्द्र पाल,मृतुन्जय भास्कर,शिवकुमार यादव,ज्वाइंट सेक्रेटरी धर्मेन्द्र सिंह,कर्मचारी परिषद सदस्य बीडी दुबे ,सुशील सिंह ,विनोद सिंह मौजूद रहे. सभा का संचालन यूनियन के संयुक्त मंत्री अरविन्द प्रधान ने किया.
रिपोर्ट- जगदीश शुक्ला