Shaurya News India
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भदोहीः सरकार जहां हर वर्ग के उत्थान के लिए विभिन्न तरह की कल्याणकारी योजना संचालित कर रही है. जिससे लोगों को कही भी कोई असुविधा न हो और परिवारों को योजनाओं का लाभ मिल सके. सरकार न केवल सामान्य योजना संचालित करती है, जबकि विभिन्न विशेष समय पर विशेष योजना भी चलाती है. जिस तरह कोरोना काल में देखा गया कि सरकार सभी को राशन, नौकरी पेशा लोगों को सहायता राशि तथा ईलाज, टीकाकरण और मौत हो जाने पर पीड़ित परिवार को लाभ भी देने की व्यवस्था की लेकिन इसके बावजूद भी स्थानीय लोगों की लापरवाही से बहुत लोगों को सरकार के तरफ से संचालित योजना का लाभ नही मिल पाता है और पीड़ित परिवार केवल दर-दर की ठोकर खाने पर मजबूर रहता है.

 एक ऐसा ही मामला भदोही नगर के पीरखांपुर वार्ड नंबर 21 में देखने को मिल रहा है जहां पर बीते अप्रैल 2021 में कोरोना की चपेट में आने से 21 दिन के अंदर तीन सगे भाइयों की मौत हो गई और परिवार एक बेसहारा हो गया लेकिन दो वर्ष बीतने के बावजूद भी पीडित परिवार को एक रूपये का शासन और प्रशासन से सहयोग नहीं मिल सका है. पीड़ित परिवार की सुधि लेने के लिए न भदोही जिले के अधिकारियों के पास समय है और न ही नेताओं के पास. नेता केवल चुनाव के समय देखे जाते है और अधिकारी तब दिखाई पडते है जब उनके नौकरी पर तलवार लटकी दिखाई देती है. जनपद में कुछ अधिकारियों को छोड़कर बाकी लोग केवल फर्जी कागजी खानापूर्ति में लगे है उनको यह नहीं पता है कि जमीनी हकीकत क्या है.

  दो वर्ष का समय बीत जाने के बाद आज तक कोई नेता और अधिकारी पीड़ित परिवार का हाल लेने नहीं पहुंच सका. पीड़ित परिवार की 16 वर्षीय बिटिया शिवानी ने बताया कि  7 अप्रैल 2021 को उसके पिता बांकेलाल विश्वकर्मा, 21 अप्रैल 2021 को चाचा सुनील विश्वकर्मा और 24 अप्रैल 2021 को ताऊ श्यामलाल विश्वकर्मा का निधन कोरोना की वजह से हुआ. कहा कि 21  दिन के अंदर उसके पापा, चाचा और ताऊ का निधन कोरोना की वजह से हो गया. लेकिन दो वर्ष बीतने के बाद भी कोई भी नेता और अधिकारी सुधि लेने नही पहुंचा.  शिवानी ने बताया कि राशन की दुकान से चार यूनिट है लेकिन कोटेदार मनमानी करते हुए पांच किलो राशन कम देता है. शिकायत करने पर कहता है कि इतना ही मिलेगा लेना हो ले या मत ले. शिवानी के दो भाई है, उसकी मां है उसकी दादी है. शिवानी ने बताया कि उसके चाचा सुनील के मौत के बाद चाची अपने मायके चली गई और उसकी दूसरी जगह शादी हो गई है. अभी बीते 14 मार्च को शिवानी के दादा मोतीलाल विश्वकर्मा की भी मौत हो गई.  शिवानी ने भदोही के जिलाधिकारी गौरांग राठी से गुहार लगाई है कि कोरोना काल में मृत उसके ताऊ, पिताजी और चाचा के परिजनों को जो सरकार के तरफ से आर्थिक सहयोग हो उसे दिलवाने की कृपा करें. साथ में शिवानी ने अपने भाइयों और अपनी पढाई के लिए भी सहयोग की मांग की है.

 भदोही के पीरखापुर के इस परिवार के दुख से क्यों अंजान है जनपद के नेता और अधिकारी. इस पीड़ित परिवार को शासन और प्रशासन के तरफ से आर्थिक सहयोग मिले. जिससे बच्चों की पढाई और परिवार के मूलभूत सुविधाओं के लिए कोई समस्या न हो. अब देखते है कि यह जानकारी जनपद के नेताओं और अधिकारियों तक पहुंचने पर पीड़ित परिवार के साथ कितना सहयोग मिल सकता है? स्थानीय लोगों ने भी पीड़ित परिवार को आर्थिक सहयोग दिलाने की मांग की है.

रिपोर्ट- विजय तिवारी

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