वाराणसीः चैत नवरात्रि के आठवें दिन अष्टांग योग की अधिष्ठात्री देवी महागौरी का दर्शन पूजन करने का विधान है, शक्ति के उपासक भोर से ही दर्शन पूजन के लिए पहुंचने लगे है. पंचगंगा घाट पर स्थित महा मंगला गौरी का दरबार भक्तों के जय जयकारों से गूंज उठा रहा है.
वही, माता महागौरी के रूप में विख्यात काशी विश्वनाथ धाम के समीप मां अन्नपूर्णा के दरबार में भक्तों ने दर्शन पूजन कर सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा दर्शन पूजन का यह क्रम देर रात तक चलता रहेगा.
देवी महा मंगला गौरी मंदिर के महंत पंडित नारायण गुरु बताते हैं कि माता महा मंगला गौरी के दर्शन पूजन से महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है. देवी महा मंगला गौरी को अक्षत, सिंदूर, पीला या लाल फूल, चुनरी और नारियल अर्पित करना चाहिए.
जो लोग मंगल ग्रह से पीड़ित हैं या उनकी शादी नहीं हो रही है उनका मां महा मंगला गौरी का दर्शन पूजन करने से विवाह संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं. महा अष्टमी के दिन काशी में शक्ति के उपासक मां अन्नपूर्णा का दर्शन पूजन करने का विधान है
भोर से ही महा मंगला गौरी की आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए माँ महा मंगला गौरी का पट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जाता है और श्रद्धालु मां महा मंगला गौरी का दर्शन लाइन में लगकर कर रहे हैं
रिपोर्ट- मंजू द्विवेदी