वाराणसीः काशी के लोकप्रिय सांसद एवं प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी एवं प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी की प्रेरणा से बनारस की कजरी को नवीन रूप में प्रस्तुत करने का नगर निगम वाराणसी एवं काशी की समाजसेवी संस्थाओं का एक अभिनव प्रयास आप लोग के बीच में प्रस्तुत किया जाएगा l महापौर मेयर अशोक तिवारी जी ने बताया कि कजरी महोत्सव 2023 बनारस के लोग के लिए एक अलग पहचान है बनारस में कहावत है "सात वार नौ त्यौहार", यानी सप्ताह में दिन तो सात होते हैं पर वाराणसी में उनमें नौ त्यौहार पड़ते हैं। मौज-मजे के लिए सदा से प्रसिद्ध रहा है और अपनी इस प्रवृत्ति को चरितार्थ करने के लिए ही बनारसियों ने अनेक त्यौहारों की कल्पनाएँ कीं। और लोग बहुत सी छुट्टियाँ मनाने के लिए बनारस वालों को नाकारा न कहें, इसलिए उन्होंने इनमें से अधिकतर त्यौहारों को भिन्न-भिन्न देवताओं के साथ जोड़ दिया। आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों के कारण बनारसियों के जीवन में परिवर्तन होता चला जा रहा है फिर भी जिस प्रेम से छुट्टियाँ और त्यौहार बनारस में मनाए जाते हैं - वैसे भारत में और किसी दूसरी जगह नहीं। बनारसियों के त्यौहार का रंग भी कभी मनहूस नहीं होता। अपने थोड़े से वित्त में ही लोग हँस-खेल कर त्यौहार मना लेते हैं। बनारस के त्यौहारों के इतिहास पर अभी अधिक प्रकाश नहीं पड़ है, पर इसमें संदेह नहीं कि इनमें कुछ मेले बहुत प्राचीन होंगे। बनारस की दीवाली का तो उल्लेख जातकों में आया है और जातकों में वर्णित हस्तिपूजन का भी बाद में शायद विजया दशमी का रुप हो गया है। इन मेलों तमाशों का संबंध हम यक्षपूजा, वृक्षपूजा, देवीपूजा, कूप और नदी-पूजा तथा पौराणिक देव-देवताओं की पूजा से पाते हैं। बनारस के मेलों तमाशों में भी एक विकास क्रम है जिससे यह पता चल जाता है कि कौन-कौन से मेले प्राचीन है और कौन-कौन से मेले बनारस की भिन्न-भिन्न काल की धार्मिक प्रवृत्तियों के विकास के साथ-साथ बढ़ते गए। अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी के बनारस के मेलों और त्यौहारों का एक संक्षिप्त विवरण नीचे दिया जा रहा है। मगर इसमें बनारस के सभी धर्मों के सभी प्रकार के त्यौहारों का पूर्ण वर्णन नहीं है।
माह त्यौहार/पर्व
१. चैत्र - नवरात्र मेला, गनगौर, रामनवमी
२. वैशाख - नरसिंह चौदस, गंगा सप्तमी
३. जेठ - गाजी मियाँ का मेला, दशहरा, निर्जला एकादशी, स्नान यात्रा
४. अषाढ़ - रथयात्रा, पटपरीक्षा, शंखूधारा
५. श्रावण - वृद्धकाल मेला, दुर्गाजी का मेला, फातमान का मेला, नागपंचमी, कजरी
६. भादों - कजरी तीज, ढेला चौथ, लोलारक छठ, वामन द्वादशी, अनंत चौदस, सोरहिया मेला
७. कुआर (आश्वनी) - रामलीला, दुर्गामेला
८. कार्तिक - धनतेरस, नरकचौदस, दीवाली, अन्नकूट, यमद्वितीया, कार्तिक पूर्णिमा
९. अगहन - बरना पर पियाले का मेला, पंचकोशी मेला, लोटा भंटा, नगर प्रदक्षिणा
१०. पौष -
११. माघ - गणोशचौथ, वेदव्यास मेला
१२. फाल्गुन - शिवरात्री, होली, बुढ़ाव मंगल आदि बनारस की त्योहारों की अलग पहचान है l
आप लोग के बीच में कजरी महोत्सव 2023
का कार्यक्रम आयोजित किया गया है l
इनमें कलाकार की प्रस्तुति पदम श्री श्रीमती शोभा घोष
मुंबई उर्मिला श्रीवास्तव मिर्जापुर और रेवती साकलकर , वाराणसी इन कलाकारों की प्रस्तुति आपको देखने को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर सिगरा वाराणसी रविवार 27 । 2023 शाम 6:00 बजे इस आयोजन में आप बंधु भगिनी को सपरिवार शामिल होने का आमंत्रण सपरिवार मेयर द्वारा आमंत्रित किया गया है वाराणसी मेयर अशोक तिवारी.
रिपोर्ट- धनेश्वर साहनी