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डीडीयू नगर/चन्दौली: नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) एवं चिकित्सा प्रकोष्ठ भाजपा के सह संयोजक डॉ. ओ. पी सिंह ने स्वास्थ्य गोष्ठी (करवत) में बताया कि कोरोना अभी ठीक से खत्म नहीं हुआ है कि अब मंकी पॉक्स की दस्तक ने लोगों को एक नए खौफ में डाल दिया है. 

मंकी पॉक्स एक ऐसा वायरस है जो ह्यूमन तो ह्यूमन फैलता है. यानी अगर कोई किसी संक्रमित के संपर्क में आता है तो उसे भी तुरंत पकड़ लेता है. मंकी पॉक्स ने केंद्र और राज्यों की सरकारों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।कई राज्यों में तो सरकारों ने खास गाइडलाइंस भी जारी कर दी हैं. 

यूरोप और अफ्रीकी देशों से इसके काफी मामले सामने आए हैं. यह वायरस काफी खतरनाक बताया जा रहा है जो फैल जाए तो कोरोना जैसी महामारी लोगों को देखने को मिल सकती है. यह वायरस चार स्टेजों में फैलता है. जिसमें हर स्टेज पर अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं. पहली स्टेज पर कोई व्यक्ति अगर संक्रमित होता है तो वह लक्षण महसूस करना शुरू कर देता है.

लक्षण अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़े होते हैं और काफी हद तक बुखार जैसे लगते हैं. पहली स्टेज के लक्षणों में आपको बुखार,शरीर में दर्द और थकान महसूस हो सकती है. मंकी पॉक्स की दूसरी स्टेज में बुखार जैसे लक्षण तो रहते ही हैं,साथ ही स्किन पर थोड़ी संख्या में कुछ गांठ दिखनी शुरू हो जाती हैं.


मंकी पॉक्स की तीसरी स्टेज पर लिम्फैडेनोपैथी हाथों,पैरों,चेहरे, मुंह या प्राइवेट पार्ट्स पर होने वाले दानों या चकत्ते में बदल सकती है. मंकी पॉक्स की चौथी यानी आखिरी स्टेज पर ये दाने या चकत्ते उभर कर बडे़ दाने हो जाते हैं या कुछ ऐसे पस्ट्यूल में बदल जाते हैं जिनमें मवाद भरी होती है.

 

रिपोर्ट - कमलेश तिवारी


 

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