चंदौलीः जनपद के सैकड़ों गांव बांध व नदियों के सूखने से पानी पीने की समस्या के साथ-साथ धान की नर्सरी पर भी संकट सामने दिखाई दे रहा है। जिसको लेकर क्षेत्र के किसानो के माथे पर चिंता की लकीर खींचने लगी है। बताते चलें कि चंद्रप्रभा बांध के सूखने का खामियाजा इस नदी पर आश्रित किसानों को भुगतना पड़ रहा है। पानी के अभाव में नदी में पंप कैनाल चलाना संभव नहीं है। नेवाजगंज पंप कैनाल पर आधारित पांच हजार हेक्टेयर खेतों में धान की खेती के लिए नर्सरी डालने का भी संकट खड़ा हो गया है। नेवाजगंज पंप कैनाल से नेवाजगंज मुडहुआ, हेतिमपुर, चांदी, दुबेपुर माफी सहित एक दर्जन गांव की सिंचाई होती है। पंप कैनाल के अतिरिक्त नेवाजगंज पूर्वी बैरा, पश्चिमी लिफ्ट कैनाल भी चंद्रभान नदी के पानी पर ही निर्भर है। इन पर आधारित पांच हजार हेक्टेयर खेत की सिंचाई मुश्किल है।
धान की खेती के लिए नर्सरी डालने का संकट खड़ा हो गया है। इससे किसान चिंतित हैं। पानी की कमी से नेवाजगंज पंप कैनाल के पंपों के आसपास पानी नहीं है। अब किसान बरसात पर निर्भर होकर रह गए है। वहीं पशु पक्षी भी नदी - नाले सुखने से प्यास से व्याकुल हो रहें हैं।
चंद्रप्रभा से पिछले दो वर्षों से जारी स्लूज गेट से रिसाव से बांध पूरी तरह सूख गया है। बांध के नीचे स्थित चंद्रप्रभा नदी भी पूरी तरह बे पानी हो गई है। इससे नर्सरी के लिए पानी का संकट खड़ा हो गया है इसलिए अब धान की नर्सरी के लिए किसानों को निजी संसाधनों और बरसात पर निर्भर होने को मजबूर है।
रिपोर्ट- विनय पाठक