Shaurya News India
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चकिया चंदौली। विश्व पर्यावरण दिवस वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित किया गया था ।  यह पहली बार वर्ष 1973 में पृथ्वी पर वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सकारात्मक कदम उठाने और इस दिशा में दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। 5 जून को प्रति वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है ।

जिला संयुक्त चिकित्सालय चकिया के डा. अशोक कुमार (सर्जन) ने कहा की जीवन में कम से कम 10 पौधो को अवश्य लगाएं। पौधो को लगाने के बाद उनकी समय समय पर देख रेख व सिंचाई गुड़ाई करते रहे। समस्त नागरिकों को प्रति वर्ष एक पौधे को लगाने के बाद उसकी सिंचाई  करते रहना चाहिए, ताकि वह पेड़ नष्ट ना होने पाए। पेड़ से ही जीवन संभव है पेड़ रहेंगे तभी सभी को भरपूर ऑक्सीजन मिलेगा और वातावरण शुद्ध रहेगा। पेड़ पौधो को नष्ट होने से बचाएं।

अपने घरों के आंगन में तुलसी का एक पौधा लगाएं जिससे ऑक्सीजन मिलता रहे। तुलसी ऑक्सीजन का सर्व श्रेष्ठ श्रोत है। पेड़ पौधो को लगाने के बाद उसने पानी देते रहे। सभी को एक जुट होकर पर्यावरण की रक्षा करना है। प्लास्टिक पर्यावरण की समाधान है। प्लास्टिक का उपयोग ना करे।

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