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चन्दौलीः जनपद के मिनी महानगर डीडीयू नगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री पीजी कॉलेज मुगलसराय मे दिनांक 9 जून 2022 को आदित्य स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि मनाई गई. इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य वक्ता प्रो संजय ने कहा कि बिहार और झारखंड के विकास और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाया. मुंडा एक जनजाति समूह से थे, बिरसा मुंडा ने मुंडा विद्रोह का नेतृत्व पारंपरिक व्यवस्था जल जंगल जमीन के आधार बनाकर किया जिस पर वह अपना हक हुकूक समझते थे.
बिरसा आंदोलन के मूल आर्थिक सामाजिक राजनीतिक व सांस्कृतिक कार्य या आंदोलन भूमि से धर्म संबंधी समस्याओं से जुड़े कारको को बिरसा मुंडा ने व्यापक स्वरूप दिया जिसका परिणाम ये रहा कि उन्हे वहां के निवासियो ने भगवान का दर्जा दिया. प्रो अरूण ने कहे कि बिरसा मुंडा ने स्वतंत्रता आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाया, जनजातीय अस्मिता व सांस्कृतिक की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी जल जंगल जमीन के अधिकारों के लिए संघर्ष के कारण 'धरती आबा' के नाम से प्रसिद्ध हुए. वे आदिवासी समाज में क्रांतिकारी नवचेतना के सूत्रधार रहे और अंग्रेजों के विरुद्ध उलगुलान आंदोलन के महानायक रहे.
मुंडा ने अपने क्रांतिकारी चिंतन से 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में आदिवासी समाज की दशा व दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया. देश की स्वतंत्रता व आदिवासी समाज के हितों की रक्षा के लिए उनका बलिदान सदैव याद किया जाएगा. कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अरुण पांडे ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ हर्ष श्रीवास्तव ने किया. उक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त महाविद्यालय के कर्मचारी रंजीत भट्टाचार्य सुरेंद्र सिंह विनीत पांडे राहुल सिंह सुनील सिंह सुजीत सम्मिलित रहे.