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अतिक्रमण का फंडा, उठ रहा विरोध का झंडा
पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगरः प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अतिक्रमण के खिलाफ उठाए गए कदम से जहां एक ओर आम जनमानस यातायात सुलभ होने का सुखद अनुभव कर रहा है वहीं सड़कों की पटरियों पर अवैध अतिक्रमण किए पटरी, ठेला व खोमचा व्यवसाई अपनी रोजी-रोटी के छीनने की आशंका से ग्रसित हो दुखी दिखाई दे रहे हैं. यह सच है कि ठेले, खोमचे व पटरी व्यवसायियों के अधिक संख्या में होने की वजह से नगर की आधी से अधिक सड़कें हर समय जाम को झेलती रहती हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर रेलवे यातायात के दृष्टिकोण से देश के चारों ओर की रेलगाड़ियों के आवागमन का प्रमुख केंद्र है. जिस वजह से बिहार, उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य प्रदेशों के यात्रियों की आवाजाही हमेशा बनी रहती है.
यही नहीं दिल्ली से हावड़ा मार्ग भी इस नगर से होकर ही जाता है. जिस कारण सड़कों पर चलने वाली दो पहिया, चार पहिया, सवारी व मालवाहक गाड़ियों का भी आवागमन अत्यधिक बना रहता है. ज्ञातव्य हो कि नगर में कहीं भी ना तो पंजीकृत वाहन स्टैंड है और ना ही वाहन पार्किंग का कोई प्रशासन द्वारा निर्दिष्ट स्थान. नगर का मुख्य बाजार भी नगर के मुख्य मार्ग के दोनों तरफ बृहद रूप से अवस्थित है.
जहां आसपास के प्रदेशों के साथ ही साथ समस्त जिले के यात्री भी जिंसों की खरीदारी करने के लिए नगर में आते-जाते रहते हैं. जिनको नगर में कहीं भी गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था ना होने की वजह से मजबूरन अपनी गाड़ियां सड़क पर ही खड़ा करनी पड़ती है. वहीं दूसरी ओर सड़क के किनारे बने पटरियों पर ठेले, खोमचे वालों के साथ ही साथ अवैध अतिक्रमण के वजह से यात्रियों का पैदल चलना भी कठिन हो गया है. जिस कारण हमेशा आकस्मिक दुर्घटना का खतरा बना रहता है.
रिपोर्ट- संजय अग्रवाल