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सोनभद्रः जनपद की प्रमुख साहित्यिक संस्था 'गीत कस्तूरी हिंदी संस्थान' द्वारा आयोजित हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत काब्य एवं विचार गोष्ठी रविवार को रॉबर्ट्सगंज स्थित सर्किट हॉउस में समारोह पूर्वक मनाई गई.


कार्यक्रम की भव्यता कवियों की कविताओं और विद्वानों के वक्तव्य से सिंचित हो रही थी. कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण ,दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती की वंदना से हुआ.


इस दौरान मंचस्थ अतिथियों का माल्यार्पण, बैज अलंकरण तथा अंगवस्त्रम से सम्मान किया गया. कार्यक्रम की भव्यता काशी, मऊ और आजमगढ़ समेत जनपद के चारों कोनों से आए साहित्यकारों, कवियों बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों तथा शिक्षाविदों से सुशोभित हो रही थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने की तथा मुख्य अतिथि श्यामाचरण पांडेय एवं अति विशिष्ट अतिथि अंतरनाद संस्था के संस्थापक पुरुषार्थ सिंह और विशिष्ट अतिथि के रूप में राबर्ट्सगंज के पूर्व विधायक तीरथ राज व उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील पांडेय जी उपस्थित थे । कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था की अध्यक्ष डॉ रचना तिवारी ने किया.


हिंदी की शान में काशी आजमगढ़ और मऊ से पधारे पुरंदर पौराणिक, मोहित लांबा, पुरुषार्थ सिंह आदि कवियों द्वारा एक से बढ़कर एक रचनाएं पढ़ी गईं जिसे लोगों ने खूब सराहा। 
 गीत कस्तूरी साहित्यिक संस्थान ने मऊ की संस्था अंतर्नाद को सम्मानित किया।  वही अंतर्नाद के संस्थापक कवि पुरुषार्थ ने "कोई दर्द छू रहा है दिल के करीब आके" पढ़ कर सबको साहित्यिक  रस में डूबो दिया। आयोजक गीतकार डॉ रचना तिवारी के कुशल संचालन में जनपद के स्थापित कवि अमरनाथ अजेय , अशोक तिवारी , दिवाकर द्विवेदी 'मेघ विजयगढ़ी', राकेश शरण मिश्र 'गुरु', प्रभात सिंह चंदेल, लखन राम जंगली, सरोज सिंह,आदि कवियों ने विभिन्न रसों में काव्यपाठ कर लोगों की तालियां बटोरी.


इस अवसर पर गीत कस्तूरी संस्थान द्वारा हिंदी शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए विंध्य कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्रिंसिपल  डॉ अंजली विक्रम सिंह , आर्यन एकेडमी की  प्रिंसिपल चित्रा जालान और युग शांति की प्रिंसिपल संगीता श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया । इस मौके पर भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही जिसमें मुख्य रुप से अमरनाथ सिंह ,अरुण सिंह ,मनीष सिंह ,संतोष पांडेय,संदीप सिंह चंदेल , रामानुज पाठक ,नीतीश चतुर्वेदी,राजेश द्विवेदी, बबलू सिंह , संतोष नागर, प्रमोद गुप्ता, सर्वेश श्रीवास्तव, सिराज हुसैन, चिंता पांडेय, गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के संस्थापक रवि प्रकाश चौबे, राम अनुज धर द्विवेदी, राजकुमार सिंह, रामरूप शुक्ला, सत्येंद्र पाठक, अनुज शुक्ला आदि हिंदी सेवी एवं साहित्य प्रेमी मौजूद रहे.


रिपोर्ट- अशोक कनौजिया


 

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