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मिर्जापुरः नवदुर्गा का अष्टम  शक्ति स्वरुप हैं देवी महागौरी एवं इसी निमित्त नवरात्री के अष्टम दिवस हम भक्तजन देवी महागौरी की पूजा आराधना में तल्लीन होकर जीवन का आध्यात्मिक मर्म समझने का सार्थक प्रयास करते हैं. मनुष्यत्व से देवत्व के निकट सम्बन्ध की आत्मिक अनुभूति करते हैं. |यथा नाम तथा रूप देवी महागौरी उज्जवल गौरवर्ण की हैं,श्वेतवसना है जिसकी तुलना शास्त्रों में कुंद के पुष्प और शंख से की गयी है.


 सौम्यरूप चारभुजाधारी  देवी महागौरी अपने वाहन वृषभ पर विराजित हैं और इस दिव्यरूप के दर्शनमात्र से भक्तजनों के मन व ह्रदय में एक अनुपम शीतलता का भाव जाग्रत होता है और स्वत: हम नतमस्तक होकर देवी से आशीष की प्रार्थना करते हैं. माता का एक हाथ वर देने की मुद्रा में ,द्वितीय हाथ अभयदान की मुद्रा में है. अन्य दो हाथों में माता ने क्रमश: डमरू और त्रिशूल धारण किया हुआ है. समवेत स्वर में भक्तजन  नवदुर्गा प्रार्थना  करते हैं.

रिपोर्ट- भोलानाथ यादव

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