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वाराणसीः ज्ञानवापी मस्जिद - शृंगार गौरी सर्वे के मामले में शनिवार को अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका नंबर 56 (ग) कोर्ट ने जिरह के बाद इस मामले में अगली सुनवाई 9 मई होगी. अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता ने कोर्ट कमिश्नर को बदलने को लेकर इसमें याचिका दायर की थी और आरोप लगाया था कि कोर्ट कमिश्नर निष्पक्ष न होकर वादी पक्ष के साथ मिलकर कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं.
इस सम्बन्ध में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता मेराजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने उनकी याचिका 56(ग) को सुनने के बाद वादी पक्ष और कोर्ट कमिश्नर को याचिका पर अपनी-अपनी आपत्ति के साथ इस मामले की अगली तारीख 9 मई को कोर्ट में तलब किया है.
वहीं मामले को लेकर एडवोकेट मेराजुद्दीन से पूछा गया कि क्या कोर्ट द्वारा कोर्ट कमिश्नर सर्वे को रोका गया है या कोई इस सम्बन्ध आदेश दिया तो उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में न्यायालय द्वारा कोई आदेश नहीं दिया गया है. अब कोर्ट कमिश्नर अधिवक्ता अजय मिश्रा आज वहां सर्वे के लिए जाते हैं या नहीं जाते हैं ये वो जाने और प्रशासन जाने वो नहीं जा रहे हैं.
इस सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिवक्ता और स्वयंभू लार्ड विशेश्वर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि अंजुमन मसजिद इंतेजामिया की तरफ से याचिका दायरा की गई थी कि कोर्ट कमिश्नर बदला जाए. इसपर कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर और वादी पक्ष से लिखितय आपत्ति इस सम्बन्ध में मांगा है और 9 मई को कोर्ट में उपस्थित होने को कहा गया है. इस दौरान कोर्ट ने किसी भी तरह के सर्वे को रोका नहीं है. वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि याचिकाकर्ता ने उसमें कोर्ट कमिश्नर पर मस्जिद की दीवारों को कुरेदने और साफ करके वीडियोग्राफी करने का आरोप लगाया है और कहा है कि ऐसा कोई आदेश नहीं है।