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वाराणसीः सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के क्रम में ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी मामले की वाराणसी जिला जज की अदालत में रोजाना सुनवाई हो रही है. मुस्लिम पक्ष, वादी संख्या 2 से 5 की दलीलें पूरी होने के बाद वादी संख्या 1 राखी सिंह के अधिवक्ता अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं. सोमवार को अधिवक्ता शिवम् गौड़ ने 361 पेज का रिटर्न आर्ग्यूमेंट अदालत में जमा किया है। 

अधिवक्ता शिवम् गौड़ ने कहा कि हमारा वाद सिर्फ शृंगार गौरी के दर्शन मात्र का है. इस जमीन पर अधिकार या खसरा संख्या 9130 की इस वाद में बात नहीं है. मंगलवार को दोपहर 2 बजे जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में इस मामले की सुनवाई होगी और उम्मीद जताई जा रही है कि अभी दो से तीन दिन राखी सिंह के अधिवक्ता ही आर्ग्यूमेंट करेंगे.
राखी सिंह के अधिवक्ता ने सोमवार को बताया था कि आज वादी संख्या 1 राखी सिंह की तरफ से मैंने आर्ग्यूमेंट को लीड कर दिया है। आर्ग्यूमेंट में हमने 100 जजमेंट हाईकोर्ट के सामने रखे हैं जो सब्मिट हुए हैं. 361 पन्ने की रिटर्न आर्ग्यूमेंट कोर्ट में पेश की गयी है. कोर्ट में ये कन्क्लूड किया गया है कि 7/11 पर रिजेक्शन ऑफ़ प्लेंट की जो डिमांड है प्रतिवादी संख्या 4 की वो बोगस है.

 उन्होंने यह भी कहा था कि तीन कानूनों जिसकी दुहाई मुस्लिम पक्ष दे रहा है, प्लेसेज ऑफ़ वर्शिप एक्ट, वक्फ एक्ट और श्रीकाशी विश्वनाथ एक्ट 1983 की बात हो रही है। उसकी एप्लिकेशन और एप्लीकेबिलिटी कैसे मेरे केस को बार नहीं करती है ये आज मैंने कोर्ट को बता दिया है। प्लेसेज ऑफ़ वर्शिप एक्ट इसलिए प्रभावित नहीं करता क्योंकि राखी सिंह ने सबने 1993 तक मां शृंगार गौरी की पूजा की है। मां शृंगार गौरी की पूजा सरकार ने बैरिकेडिंग करके रोका था। वर्शिप एक्ट में 1947 तक के स्वरूपों का जिक्र है जबकि शृंगार गौरी का पूजन 1993 तक हुआ है.

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