Shaurya News India
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विन्ध्याचल / मीरजापुरः सोमवार से शारदीय नवरात्र का आरंभ हो रहा है. पर रविवार की शाम विंध्यवासिनी मन्दिर , सहित चार प्रमुख गलियों तथा गंगाघाटों को छोड़ दिया जाए तो विन्ध्यधाम में ज्यादातर स्थान काफी उपेक्षित नज़र आ रहे है. आधा दर्जन से अधिक सहायक मार्ग काफी हद तक दयनीय दशा में है. लाखों के खर्च से लगने वाले पण्डाल व चटाई लगता है दान खाते से लगाए गए है.

माँ विंध्यवासिनी मन्दिर के गुम्बजों व खंभों की भी साफ सफाई नहीं की गई है. कुछ गलियों में अभी तक कूड़े का ढेर पटा दिखाई दे रहा है. बंदरो को पकड़ने के लिए वन विभाग से बुलाई गई टीम के हाथ अभी तक नहीं आए एक भी बन्दर जबकि मन्दिर के ऊपर व आसपास की गलियों में सुबह व रात्रि के दौरान दर्जनों बन्दर उछल कूद करते तथा लोगों के सामानों को क्षतिग्रस्त करते आसानी से देखा जा सकता है.

ऐसे में तो स्थानीयों में एक ही बात चर्चा का विषय बना हुआ है कि जिलाप्रशासन की सारी व्यवस्था विशिष्ठ व्यक्तियों के लिए ही समर्पित है. जिनके दीदार के लिए समस्त विशिष्ठ व अति विषिष्ठ लोग समस्त विशेष कार्य छोड़कर आते है. उन्हीं के दरबार का महत्व जिलाप्रशासन के निगाह में विशिष्ठों के आगे कुछ भी नही है.

रिपोर्ट- भोलानाथ यादव

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