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वाराणसीः पिचास मोचन पितरकुंडा स्थित हैदर वीला में जशने गदीर का आयोजन किया गया. जिसमें वाराणसी सहित देश कई जाने माने शायरों ने अपना कलाम पेश किया. बताया गया कि 14 सौ वर्ष पहले सवा लाख हाजियों के बीच में मोहम्मद साहब यह ऐलान किया कि जिस जिस का मैं मौला उस उस के अली मौला अली के  बेटे ने 10 मोहर्रम अपनी सहादत पेश करके अहिंसा का परचम  को बुलंद किया और पूरे कुनबे के साथ शहादत दी इसलिए यह पर्व मनाया जाता है.

इस महफिल की सदारत मौलाना सैयद मोहम्मद अक़िल हुसैनी  साहब ने की और मेहमाने खुसुसी के  तौर पे मौलाना जमीरुल हसन साहब  मौलाना नदीम असगर साहब मौलाना वसीम असगर साहब व मौलाना तौसीफ़  साहब  मौजूद रहे.


निज़ामत शाद सीवानी ने की महफिल में चन्दन फैजाबादी, मुनवर जलालपुरी,  सागर बनारसी, रौशन बनारसी, अतश बनारसी, वफा बुतोराबी, दिलकश गाजीपुरी, जैन बनारसी, हैदर मौलाई, फरहान बनारसी व शराफत बनारसी ने अपना कलाम पेश किया.
चन्दन फैजाबादी ने ये शेर पढ़ कर महफिल में  एक समा बांध दिया. गमे हुसैन में मसरूफ साल भर था, मगर ईमाम बाड़ा भी खुश हो गया. गदीर के दिन इस अवसर पर आए हुए तमाम लोगो का शुक्रिया ज़ीशान हैदर बब्बी ने किया. इस मौके पर बबलू रीशु वकार व शकील अहमद जादुगर आदि मौजूद रहे.

 

रिपोर्ट- अनंत कुमार

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