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भदोहीः आखिर भारतीय श्रीमाली महासभा के तत्वावधान में गोपीगंज क्षेत्र के कौलापुर में संगठन के जनपद ईकाई की बैठक आयोजित की गई. जहां पर शिवनाथ श्रीमाली को भदोही जनपद के अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया. बैठक में लोगों ने श्रीमाली समाज को एकजुट और शिक्षित होने की लेकर विस्तार से चर्चा हुई. बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के अध्यक्ष डॉ आर एन पुष्पजीवी श्रीमाली रहे. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि राष्ट्रीय कमेटी जब ट्रेनिंग की अनुमति देगी तब हर जनपद में ट्रेनिंग कराई जायेगी. 75 जनपद में 14 जनपद ईकाई का गठन हो गया है.

 भ्रमण कार्यक्रम चल रहा है और चलता रहेगा, कहा कि प्रदेश सरकार के निगाह में हम माली है जबकि केंद्र सरकार की दृष्टि में श्रीमाली है जबकि अन्य कई जातियां अपने को बदल लिये है. कहा कि माली का कार्यपद है न कि जाति है. बल्कि, माली नहीं श्रीमाली होना चाहिए. जब स्थिति बदलती है तो परिवर्तन जरूरी है. कहा कि जून 2018 में पिछड़ा वर्ग आयोग में मामला पहुंचा दिया है. इसका प्रमाण शीघ्र ही मिलेगा. कहा कि अभी तक माली समाज के लोग केवल पिछड़ी बातों पर टिके है जबकि समाज में बहुत ऐसे लोग है जो अपने कार्यो से एक नई पहचान बनाई है. यह तभी संभव होगा जब शिक्षित होकर प्रमुख धारा से जुड़ने का प्रयास करें.

शिक्षा के माध्यम से हम भी समाज के अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है. संगठन के राजेन्द्र श्रीमाली राष्ट्रीय अध्यक्ष है. महाराष्ट्र में चार जनपद का गठन हुआ है गुजरात में भी संगठन का कार्य प्रारम्भ है. संगठन में जुड़ने वालों को नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र दिया जाता है.  जिला ईकाई, प्रदेश ईकाई और राष्ट्रीय ईकाई में उतने ही पद है. यूपी के 18 मंडलों की कमेटी बनाने की योजना है. उसके बाद तहसील और ब्लॉक स्तर भी संगठन में गठन होगा. संगठन की बात संगठन में ही किया जाता है व्यक्तिगत नहीं किया जाता है. संगठन के बड़े पदाधिकारी हर जगह नहीं जा सकता है इसलिए सभी सदस्यों और पदाधिकारियों को श्रृंखला बद्ध कार्य करने की जरूरत है.

 लोग पद लेना चाहते है लेकिन कार्य करने से बचते है. जो भी तीन माह दिये गये लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा उसे प्रदेश कमेटी में जगह अवश्य मिलेगी. लोगों को संगठन से जोड़ने के लिए एक एक लोगों के पास नहीं जाना चाहिए बल्कि सामूहिक कार्यक्रम में संगठन की चर्चा अवश्य करें जिससे बाद में कुछ कुछ न अवश्य लोग जुड़ेंगे. संगठन के नीतियों को मानना सभी पदाधिकारियों का कर्तव्य है जो नहीं मानेगा उसे संगठन में रहने का कोई अधिकार नहीं है.

 इस मौके पर डॉ आर एन पुष्पजीवी श्रीमाली, शिवनाथ श्रीमाली,  अजय श्रीमाली, केशव श्रीमाली, शुरेश श्रीमाली, लक्ष्मीशंकर श्रीमाली, गणेश श्रीमाली, शुरेश चन्द, श्रीप्रकाश श्रीमाली, कमलेश नारायण, ओम प्रकाश श्रीमाली समेत भारी संख्या में श्रीमाली समाज के लोग मौजूद रहे.           

 रिपोर्ट- विजय तिवारी


 

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