Shaurya News India
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वाराणसीः पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश जिले भर में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद थानों की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी. जबकि तहसील पर दबाव, कम हो जाएगा. नई तकनीक और व्यवस्था के साथ पुलिसिंग होगी,थाना प्रभारीयों और चौकी प्रभारियों पर पर्यवेक्षण तगड़ा रहेगा. हर छोटी, बड़ी घटनाओं पर तुरंत एसीपी से लेकर एडीसीपी, डीसीपी तक के अफसर मौके पर पहुंचेंगे. जमीन संबंधित विवाद और घरेलू झगड़ों के सुलह, निपटारा पर जोर होगा.

भू माफियाओं को चिन्हित करते हुए उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई और अपराध से अर्जित संपत्ति कुर्क होगी. किसानों की जमीनों पर कब्जा दखल देने वालो की सूची तैयार करते हो उन पर अभियान चलाकर प्रभावी कार्यवाही भी होगी. महिला अपराध से संबंधित एक जगह पर सुनवाई होगी. जनता के बीच गहरी पैठ बनाने को लेकर तरह-तरह के अभियान और अनेकों प्रकार के अभिनव प्रयोग की संभव होंगे.

 कैमरों का बढ़ेगा जाल ग्रामीण थानों को बेहतर बनाने से लेकर देहांत के प्रमुख क्षेत्रों में कैमरों का जाल बिछाया जाएगा. शहर में वारदात को अंजाम देकर ग्रामीण क्षेत्रों में भागने वाले अपराधियों को पकड़ने में आसानी होगी. थानों का इन्फ्राट्रक्चर और बेहतर हो सकेगा. फरियादियों की सुनवाई भी एक जगह पर आसानी से होगी. कमिश्नरेट सिस्टम से भाग ग्रामीण क्षेत्र के थानेदार, चौकी इंचार्ज देहात के 12 थानों को कमिश्नरेट में शामिल करने की आहट 2 माह पूर्व ही पुलिस महकमे को लग गई थी.

 लिहाजा, ग्रामीण के थानों चौकी और लाइन में तैनात पुलिसकर्मी अपना तबादला गैर जनपद चाहते हैं. कुछ पुलिसकर्मियों ने तो एक से डेढ़ माह पूर्व ही तबादला के लिए आवेदन किया था. कुछ अब और तेजी से ट्रांसफर के लिए लाइन में लगे हुए हैं. पुलिसकर्मियों के अनुसार कमिश्नरेट सिस्टम में अधिकारियों के तगड़े पर्यवेक्षण डेली रिपोर्ट आदि मामले के चलते गैर जनपद ठीक है.

रिपोर्ट- जगदीश शुक्ला

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