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वाराणसीः लंका गेट BHU पर बनारस के समस्त छात्र व नागरिक समाज ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने और शांति बहाल के लिए प्रतिरोध सभा का आयोजन किया। 
 
सभा में वक्ताओं द्वारा कहा गया कि भाजपा सरकार की नफरत की राजनीति ने मणिपुर को आग के हवाले कर दिया है। पिछले 50 दिनों से मणिपुर में 100 से ज्यादा लोग मारे गए और हजारों घरों को आग लगा दिया गया लेकिन प्रधानमंत्री जी ने अब तक शांति की अपील तक नहीं की। गृहमंत्री अमित शाह के मणिपुर के खानापूर्ति दौरे के बाद स्थिति और भी बदतर हो गई। केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार हिंसा रोकने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। सरकार ने जनता की सुरक्षा उनके ऊपर छोड़ दिया है। इस वजह से स्थिति और भी बदतर होती जा रही है। 


मणिपुर में 35 लाख की आबादी है। मैतेई समुदाय जनजाति का आरक्षण चाह रहा है। कुकी और बाकी समुदाय इसका विरोध कर रहे हैं। मामला कोर्ट में है। लेकिन सरकार की अनदेखी और कुव्यवस्था का परिणाम यह हुआ है कि वहां अचानक ही हिंसा भड़क गई है। मात्र 40 दिनों में हालात ऐसे हो गए कि एक केंद्रीय मंत्री का घर जला दिया गया। सरकार अपनी विश्वसनीयता खोती जा रही है।


आजाद भारत में ऐसा कभी नहीं हुआ कि पुलिस के गोदाम से 4,500 सरकारी बंदूक और पांच लाख कारतूस लूट लिए जाएँ। सरकार ने अपनी नाकामी से मणिपुर के नागरिकों को ही दो हिस्सों में बांट दिया है। यहां भाजपा की डबल इंजन सरकार है। तो फिर आम लोगो की जान क्यों जा रही है ? प्रधानमंत्री के मुंह से शांति स्थापना के लिए कोई मन की बात क्यों नही निकल रही है ?
मगर मोदी जी को उम्मीद है कि वह चुप रहकर मणिपुर संकट को दूर कर सकते हैं, तो वह गलत हैं। उनकी नाकाम चुप्पी का ही नतीजा है कि कुकी और मेइतेई समुदायों के बीच खाई लगातार बढ़ रही है। मणिपुर की जनता ने दो साल पहले जिस भाजपा सरकार को वोट दिया, उसके बदले में क्या मिला? 50 दिनों की आग? 140 से ज्यादा मौतें? हजारों बेघर? बीमार और अधमरे बच्चे?  

आज पीएम के संसदीय क्षेत्र के लोगों को हम आगाह करना चाहते हैं कि आपके-हमारे सांसद आम निर्दोष आदमियों की मौतों पर चुप हैं। बनारस संवेदन शील नगरी है, यहां के लोग हिंसा और नरसंहार को बर्दाश्त नहीं करते। अपने सांसद का मौन संवेदनहीनता का सबूत है।
सभा में मुख्य रूप से मांग की गई कि-
१- मणिपुर में तत्काल शांति बहाल की जाए।
२- बीरेन सिंह को और उनके मंत्री मंडल को तुरंत बर्खास्त करे। 
३ . पीड़ित परिवारों को सुरक्षा और मुआवजा मिले।
४- गृहमंत्री इस्तीफा दे।
५- प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ें।


प्रेरणा कला मंच के साथियों ने जनवादी गीतों से कार्यक्रम में उत्साह बनाए रखा।
सभा में मुख्य रूप से सानिया अनवर, रैनी, डॉ इंदु पांडेय, ए संगीता, शर्मिला, सिस्टर सविता, शिवांगी, डॉ प्रतिमा गौड़, सिस्टर शामला, जयंत, नीति भाई, डॉ ओ पी राय, फ्लोरिन, तारशिला, अनिल रतन, आनंद, ऋषभ पांडेय जिलाध्यक्ष NSUI, जेम्स, फादर आनंद, अविनाश, विपिन कुमार, डॉक्टर किंग्सन, रॉबर्ट, करनजीत, संगीता, समरेंद्र, सौरभ कुमार, जितेंद्र, धमेंद्र, अर्जुन, शशि, अरविंद, विश्वजीत, विकास, धनञ्जय त्रिपाठी , अर्पित गिरी मुकेश झंझरवाला, अजय पाल,अजीत गौरव, रंजित राज,सुरेंद्र कुमार,अशोक पटेल,विजय प्रकाश, सुजीत गौरव, प्रमोद पटेल, आदि लोग शामिल थे तथा सभा का संचालन मारुति मानव ने किया। 

रिपोर्ट- जगदीश शुक्ला

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