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वाराणसी। पश्चिम बंगाल से हरियाणा और विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली के बड़े पैमाने पर खरीद बिक्री का सिलसिला जारी है बुधवार को लंका थाने की पुलिस ने दफी टोल प्लाजा के पास ट्रक से 11 टन प्रतिबंधित मछली के साथ 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए लोग पश्चिम बंगाल और आसपास के बताए जा रहे हैं। इंस्पेक्टर लंका बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई की गई है पकड़े गए लोगों से पूछताछ की जा रही है।

गौरतलब है कि पिछले 26 नवंबर को लंका पुलिस ने दफी टोल प्लाजा के पास से 36 मीट्रिक टन मांगुर मछली का बीज पकड़ा था। इससे पहले 15 मार्च को पश्चिम बंगाल से हरियाणा ले जाई जा रही 35 टन मांगुर मछली पकड़ी गई थी।
इससे भी पहले भदोही और चंदौली पुलिस ने प्रतिबंधित मांगुर मछली को बरामद किया था।

प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली का वैज्ञानिक नाम क्लेरियस गेरी पॉइंस है या मांस खाने वाली मछली होती है। मछली पालक अधिक मुनाफे के चक्कर में सरकारी और निजी तालाबों और खेतों में पाल रहे हैं। यह मछली 4 माह में 2:30 से 3 किलो तक तैयार हो जाती है इसकी कीमत बाजारों में 80 से ₹100 किलो है।


थाईलैंड की पूजा पति होने के कारण से थाई मांगुर कहा जाता है डॉक्टर मानते हैं कि मांगुर मछली खाने से कैंसर हो सकता। मछली पर बैन होने के बावजूद या खुलेआम बाजार में बेची जा रही। दुकानदार हाइब्रिड मगुर को देसी बांगुर या वायलर बांगुर बताकर बाजार में बेचते हैं।

रिपोर्ट मंजू द्विवेदी
 

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