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वाराणसीः रक्तदान सामाजिक कारक न होकर मानवीयता का एक ऐसा दिव्य गुण है जो योगदान की भावना को दर्शाता है. उक्त उद्गार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा आज ग्राउंड नं0 2 निरंकारी चौक, दिल्ली में आयोजित हुए 'मानव एकता दिवस' के अवसर पर विशाल जनसमूह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये गये. इस कार्यक्रम को वाराणसी में निरंकारी सत्संग भवन पर भक्तों ने सीधे प्रसारण के माध्यम से देखा.
सतगुरु माता जी ने मानव परिवार को सम्बोधित करते हुए फरमाया कि रक्तदान, निष्काम सेवा का एक ऐसा सुंदर भाव होता है. जिसमें केवल सर्वत्र के भले की कामना ही मन में होती है फिर हृदय में यह भावना उत्पन्न नहीं होती कि केवल हमारे सगे संबंधी या हमारा परिवार ही महत्वपूर्ण है अपितु समस्त संसार ही हमारा परिवार बन जाता है.

रक्तदान के महत्व को बताते हुए सतगुरु माता जी ने फरमाया कि रक्त नाड़ियों में बहे नालियों में नहीं, कि रक्त देते हुए हम यह विचार नहीं करते कि हमारा रक्त किसके शरीर में जा रहा है यह तो एक सामाजिक कार्य है जो मानवीय मूल्यों को दर्शाता है. जिसका एक जीवन्त उदाहरण निरंकारी राजपिता जी ने स्वयं रक्तदान करके दिया.

मलदहिया वाराणसी में आयोजित सत्संग में जोनल इंचार्ज सिद्धार्थ शंकर सिंह जी ने अपने विचारों में कहा कि निरंकारी जगत में मानव एकता दिवस का दिन युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी की प्रेरणादायी शिक्षाओं को समर्पित है. इसके साथ ही सेवा के पुंज पूर्ण समर्पित गुरु भक्त चाचा प्रताप सिंह एवं अन्य महान बलिदानी संतों को भी इस दिन स्मरण किया जाता है. मानव एकता दिवस के अवसर पर समूचे देश के विभिन्न स्थानों पर सत्संग कार्यक्रमों के साथ विशाल रूप में रक्तदान शिविरों की श्रृंखलाओं का आरम्भ हो जाता है, जो वर्ष भर चलता है.

वाराणसी में कुल 268 भक्तों ने रक्तदान किया जिनमे पुरुषों ने 163 यूनिट और महिलाओं ने 105 यूनिट रक्दान किया. आज के रक्तदान शिविर में शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय ने 101 यूनिट, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय ने 90 यूनिट, सर सुन्दरलाल चिकित्सालय-बी.एच. यू. ने  77 यूनिट रक्त संग्रहित किया. रक्तदान शिविर दोपहर 2:30 बजे तक चला. शिविर का शुभारंभ डॉ हेमंत गुप्ता के कर कमलों द्वारा सुबह 9:00 बजे किया गया.

इस दौरान सभी भक्तों ने इस सत्संग समारोह का भरपूर आनंद लिया और सभी रक्तदाताओं ने स्वैच्छापूर्वक सम्मिलित होकर पूरे जोश एवं उत्साह से रक्तदान किया. रक्त संग्रहित करने वाले अस्पतालों के डॉक्टरों एवं आंगतुको ने मिशन की निःस्वार्थ भाव से की जा रही सभी सेवाओं हेतु भूरि-भूरि प्रशंसा की.

 

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