देवरियाः गोरखपुर की एंटी करप्शन टीम ने बरहज तहसील में तैनात लेखपाल अशोक कुमार पांडेय को पांच हजार रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया है। लेखपाल को घूस लेने के लिए टीम ने तहसील गेट पर बुलाया था. एंटी करप्शन टीम लेखपाल के विरुद्ध देवरिया सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने में जुटी है. डीएम के निर्देश पर लेखपाल को एसडीएम बरहज ने निलंबित कर दिया है. लेखपाल की गिरफ्तारी से राजस्वकर्मियों में खलबली मची है.
यह है मामला खुखुंदू थानाक्षेत्र के ग्राम मरहवा के रहने वाले शत्रुघ्न कुशवाहा के खेत का उप्र भूमि राजस्व अधिनियम 1901 की धारा 41 के तहत वर्ष 1996 में सीमांकन किया गया था. बगल के लोगों ने पत्थर उखाड़कर फेंक दिया और उनके खेत में अतिक्रमण करने लगे. उन्होंने 20 अगस्त को संपूर्ण समाधान दिवस में सीडीओ रवींद्र कुमार से पैमाइश कर पत्थर गाड़ने के लिए फरियाद की. सीडीओ ने राजस्व टीम गठित कर पत्थर गाड़ने का निर्देश दिया.
गेहूं बेचकर घूस के लिए रुपये का किया इंतजाम;
शत्रुघ्न कुशवाहा ने वर्तमान लेखपाल व प्रभारी कानूनगो देवरिया शहर के मुंसफ कालोनी वार्ड नंबर दो के रहने वाले अशोक पांडेय से पत्थर गाड़ने के लिए अनुरोध किया. लेखपाल ने पांच हजार रुपये घूस की मांग की. शत्रुघ्न ने बेरोजगार होने का हवाला दिया लेकिन लेखपाल पैमाइश के लिए तैनात नहीं हुए. गेहूं बेचकर शत्रुघ्न ने पांच हजार रुपये का इंतजाम किया और इसकी शिकायत एंटी करप्शन कार्यालय गोरखपुर में की.
ऐसे जाल में फंसा लेखपाल;
प्रभारी निरीक्षक उदय प्रताप सिंह के नेतृत्व में निरीक्षक संतोष कुमार दीक्षित, शिव मनोहर यादव, चंद्रभान मिश्र, नीरज सिंह, दिलीप कुमार, विजय, शैलेंद्र सिंह की टीम गठित हुई. टीम ने डीएम से मुलाकात कर दो लोकसेवकों की मांग की. पीडब्ल्यूडी विभाग के दो अभियंताओं के साथ टीम बरहज तहसील पहुंची. टीम ने अपना जाल बिछाया. शिकायतकर्ता ने रुपये देने के लिए लेखपाल को तहसील गेट पर बुलाया. जैसे ही लेखपाल ने घूस की रकम ली, टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया. टीम उसे लेकर सदर कोतवाली में पहुंची. उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी चल रही है.
अधिकारी बोले;
देवरिया डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि लेखपाल व प्रभारी राजस्व निरीक्षक अशोक कुमार पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इस प्रकरण में तहसीलदार बरहज को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है जो 15 दिन के भीतर मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट एसडीएम को सौंपेंगे.
रिपोर्ट- शिव प्रताप कुशवाहा