सिंगरौलीः नगर निगम सिंगरौली में सभापति का चुनाव दिलचस्प होने वाला है. भाजपा, कांग्रेस के कई पार्षद अचानक भूमिगत हो गये. जिसको लेकर दावेदारों की धड़कने बढ़ती जा रही हैं. वहीं, ऐसे कथित दावेदारों को अपने धन के डूबने का डर सता रहा है.
दरअसल, नगर निगम भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. मेयर पद खोने के बाद भाजपा किसी भी हालत में ननि अध्यक्ष पद को खोना नहीं चाहती है. इसके लिए ऐंड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है. न.नि सिंगरौली में Bjp के 45 में से 23 पार्षद निर्वाचित हुए हैं, जबकि कांग्रेस के 12, आम आदमी पार्टी के 5, बसपा के 2, निर्दलीय 3 पार्षद हैं. बहुमत आंकड़े के आधार पर Bjp आगे है. किन्तु Bjp को पार्षदों के टूटने का डर सता रहा है.
चर्चा है कि धन बल काफी हावी है और दावेदार लगातार कई दिनों तक संपर्क किये. अब पार्षदों के अचानक भूमिगत होने से ऐसे दावेदारों की धड़कने भी बढ़ गयी हैं,
वहीं अब इस बात पर चर्चा हो रही है कि आम आदमी पार्टी एवं बीएसपी तथा निर्दलीय पार्षद कहां पल्टी मारेंगे.
भाजपा, कांग्रेस के अलावा बसपा व आप चुनावी अखाड़े से दूर है. ऐसे में आप व बसपा तथा निर्दलीय पार्षद किस ओर करवट लेते हैं यह तो अभी कह पाना मुश्किल है, किन्तु चाय, पान के ठेलों पर इन दिनों सभापति चुनाव को लेकर खूब चर्चाए चल रही हैं.
रिपोर्ट- आर के शर्मा