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वाराणसीः जिले के लंका थाना अंतर्गत नुवाव तड़िया इलाके में शुक्रवार की रात राजभर बस्ती में रहने वाली सरस्वती देवी 35 वर्षीय की संदिग्ध परिस्थितियों में में मौत हो गई. पति अजित की सूचना पर पहुंचे पिता छोटे लाल भाई विनोद, प्रमोद और प्रदीप ने बहन मोनी देवी ने पति पर हत्या करने का आरोप लगाकर हंगामा किया. वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा बुझाकर शव को कब्जे में लेने का प्रयास किया, लेकिन मृतिका के पिता और भाइयों ने बिना आरोपी और उसके सहयोगी सुनील राजभर की गिरफ्तारी की मांग करने लगें.

 

मृतिका के सबसे छोटे बेटे अभिषेक 8 वर्षीय ने पुलिस और अपने मामा को बताया कि पापा मम्मी को रात में घर के भीतर पेड़ के पास मार रहे थे. जिसके कारण उनकी मौत हो गई. काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने आरोपी पति अजित और सुनील की गिरफ्तारी की. जिसके बाद शव को पुलिस कब्जे में लिया. तब जाकर परिजनों का आक्रोश शांत हुआ.

 

बता दें कि रोहनिया थाना क्षेत्र के टोढ़पुर के रहने वाले छोटे लाल राजभर के तीन बेटे व तीन बेटियों में तीसरे नंबर की सरस्वती देवी की शादी अजित के साथ वर्ष 2006 में हुई थी. मृतिका की बड़ी बेटी स्नेहा 12 साल, अभिनव 10 साल, अभिषेक 8 साल का हैं. अजित घर का खेती करने के साथ राजगीर मजदूरी का भी काम करता है. आरोपी के पिता की पहले मौत हो गई है.

 

घटना की सूचना पर पहुंचें मृतिका के पिता छोटे लाल ने बताया कि गुरुवार को एक रिश्तेदार के घर शादी में काशीपुर आये थे. बगल में होने के कारण बेटी के घर टड़िया शाम को आए. जिसके बाद शाम सात बजे अजित छोटे लाल को लेकर काशीपुर छोड़कर आया. इस दौरान रात में 12 बजे अजित ने छोटे लाल को फोनकर सरस्वती के फांसी लगाने की जानकारी. पिता छोटे लाल ने मामले की जानकारी अपने बेटे और घर वालों को दी.

 

सूचना के बाद मौके पर पहुंचने पर अजित शव को बाहर रखकर अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगा. इस बीच मृतक के छोटे बेटे अभिषेक ने मामा, नाना को बताया कि पापा मम्मी की पिटाई रात में किए. जिसकी वजह से सिर में चोट लग गई. मृतिका के पिता, भाई और बहनों का आरोप रहा है कि सिर से खून का रिसाव हो रही थीं. आये दिन अजित शराब के नशे में धुत होकर मारपीट करता रहता था.

 

घटना के बाद अजित के बड़े पिता का बेटा बगल में रहने वाले सुनील, अजित का इस मामले में साथ दिया. दोनों की गिरफ्तारी नहीं होने तक पुलिस को मृतिका के परिजनों ने शव नहीं उठाने ने दिया. अजित और सुनील को पुलिस के हिरासत में लेने के बाद परिजन शव पुलिस को कब्जे में लेने दिया. फिलहाल, पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.

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