मिर्जापुरः भारत सरकार की अमृत योजनान्तर्गत जी0आई0एस0 प्लेट फार्म पर तैयार की जा रही मीरजापुर विन्ध्याचल महायोजना 2031 को आज प्राधिकरण बोर्ड की मण्डलायुक्त विन्ध्याचल मण्डल डाॅ0 मुथु कुमारस्वामी बी0 की अध्यक्षता एवं जिलाधिकारी दिव्या मित्तल व बोर्ड के सभी सदस्यो की उपस्थिति में छठी बैठक में विचार-विमर्श के उपरान्त अनुमोदन प्रदान किया गया। मीरजापुर विन्ध्याचल को वर्ष 2018 में शासन द्वारा विकास प्राधिकरण घोषित किए जाने के उपरान्त मीरजापुर विन्ध्याचल महायोजना 2031 पर कार्य प्रारम्भ किया गया था।
मण्डलायुक्त ने उपस्थित सदस्यो को बताया कि महायोजना 2031 में भारत सरकार/राज्य सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाएं के साथ-साथ नगर के भविष्य में किए जाने वाले विकास के परिपेक्ष्य में महत्वपूर्ण प्रस्ताव दिए गए हैं। पूर्व में बनायी गई महायोजना वर्ष 2011 तक के लिए प्रभावी थी जिसको परिवर्तित करते हुए अब 2031 तक के शहरीकरण विस्तार को ध्यान में रखते हुए शहरीकरण क्षेत्र को विस्तार किए जाने का प्रस्ताव महायोजना में अंकित किया गया है। महायोजना को नेशनल रिमोट सेन्सिंग सेन्टर हैदराबाद से प्राप्त सेटलाइट इमेज के आधार पर तैयार किया गया है जिसके आधार पर तैयार किए गए बेसमैप को ग्राउण्ड टूथिंग के माध्यम से सत्यापित कर ड्राफट महायोजना तैयार की गई ड्राफ्ट महायोजना पर जनसामान्य से प्राप्त लगभग 3500 से अधिक आपत्तियों की जिलाधिकारी/उपाध्यक्ष, विकास प्राधिकरण की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा विस्तृत सुनवाई की गई तथा जनहित में दिए गए आपत्तियों को स्वीकार करते हुए जनसामान्य की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए महायोजना में आवश्यक संशोधन किए गए है।
प्लानिंग/नियोजन विभाग के एशोसिएट प्लानर वाराणसी/विन्ध्याचल मण्डल डाॅ आर0के0 उद्दयन ने बताया कि पूर्व महायोजना में कई स्थलों पर फलपट्टी भू उपयोग अंकित किया गया था, जिसपर वर्तमान में वृहद निर्माण हो चुके हैं जिससे ऐसे क्षेत्रों के भूखण्ड स्वामियों के मानचित्र स्वीकृत होने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। उक्त समस्या के दृष्टिगत नटवां, चन्द्रदीपा एवं बसही में इंगित समस्त फल पट्टी भू उपयोग को आवासीय भू उपयोग में परिवर्तन को बोर्ड द्वारा अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। पूर्व महायोजना में ग्राम अघौली, धौरूपुर, तरकापुर एवं शिवपुर में सीवर ट्रीटमेन्ट प्लाण्ट के साथ इंगित सीवेज फार्म भू उपयोग की उपयोगिता न होने के कारण उक्त भू उपयोग को आवासीय भू उपयोग में परिवर्तन को बोर्ड द्वारा अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। पूर्व महायोजना में ग्राम कंतित नटवां एवं मझगवां में इंगित केन्द्रीय कियाएं भू उपयोग में अत्यधिक निर्माण एवं भू उपयोग की उपयोगिता न होने के कारण उक्त भू उपयोग को आवासीय भू उपयोग में परिवर्तन को बोर्ड द्वारा अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है।
नगर के विकसित क्षेत्र में समस्त चैड़ी सड़को पर व्यवसायिक गतिविधियों विद्यमान होने के कारण शहर की ज्यादातर चैड़ी सड़कों को बाजार स्ट्रीट घोषित कर दिया गया है जिससे शहर के व्यापारियों को सुविधा होगी तथा उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के मानचित्र स्वीकृत किए जा सकेंगे। नगर में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से नगर के पड़रा हनुमान क्षेत्र में एक वृहद औद्योगिक क्षेत्र का प्रस्ताव महायोजना में किया गया है । आद्योगिक क्षेत्र विकसित हो जाने से नगर में रोजगार सम्भावनाएं विकसित होंगी तथा नगर का आर्थिक विकास सम्भव हो पाएगा। गंगा नदी के किनारे पर 200 मीटर तक पर्यावरणीय सन्तुलन के दृष्टिकोण से वृहद् वृक्षारोपण हेतु ग्रीन बेल्ट का प्रस्ताव दिया गया है। जिससे नगर के अन्दर हरियाली में वृद्धि होगी। कालीखोह मंदिर एवं अष्टभुजा मंदिर के आस-पास के धार्मिक गतिविधियों एवं पहाड़ी के चारो तरफ ग्रीन एरिया विकसित करने के उद्देश्य से नो कन्स्ट्रक्शन जोन को महायोजना में सम्मिलित किया गया है।
प्राधिकरण बोर्ड द्वारा उपरोक्तानुसार महायोजना 2031 को सर्वसम्मति से स्वीकृत कर दिया गया है, जिसको अधिसूचित किए जाने की अग्रिम कार्यवाही हेतु शासन को प्रेषित किया जाएगा। महायोजना के सर्व सम्मति से पारित होने पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने मण्डलायुक्त सहित सभी सदस्यो को धन्यवाद ज्ञापित करते हुये कहा कि इस महायोजना के शासन के स्वीकृति होने पश्चात जनपद/नगर का चतुमुखी विकास सम्भव होगा। नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह, मुख्य कोषाधिकारी अर्चना त्रिपाठी, अधिशासी अ धिकारी नगर पालिका अंगद गुप्ता, बोर्ड की सदस्य मणिशंकर मिश्र, ओमकार नाथ यादव, राजेन्द्र कुमार, मालती त्रिपाठी, आरती, बबिता मौर्या, विजयशंकर व अमित मिश्रा उपस्थित रहें।
रिपोर्ट- भोलानाथ यादव