वाराणसीः इस समय पूरे भारत में नवरात्र की धूम है भक्त जन में माता के लिए श्रृद्धा देखने को मिलती है तरह-तरह की सजावटों के साथ सड़कों पर मेले जैसा दृश्य देखने को मिल रहा है. काशी के सिगरा में सेवा, समर्पण को अपना उद्देश्य मानकर चलनेवाली प्रतिष्ठित संस्था भारत सेवाश्रम संघ आश्रम में सोमवार को महाष्टमी को करीब सौ से भी अधिक वर्षों से शक्ति के उपासकों की यह संस्था आज भी अपने स्वरूप को बनाए हुए है.
महाष्टमी के दिन श्रद्धालुओं के बीच मां दुर्गा की अराधना, महाआरती, भोग प्रसाद के बीच अस्त्र और शस्त्र का प्रदर्शन हुआ. इस समय भक्तों ने माँ की भक्ती के साथ उनकी शक्ती का भी भरपुर अनुभव किया. देश भर से आए श्रृद्धालु यहा आकर भक्तिमय हो गए तथा यहा तरह तरह के खेल भी देखे जैसे आग से खेलते बच्चे और युवा त्रिशूल, लाठियों भाला, का प्रदर्शन, आरती के साथ नृत्य करते सन्यासियों और भक्तों के बीच आस्था भर पुर नजर आ रही थी.
आपको बता दें कि संस्था के इस आश्रम में माता की आराधना वर्ष 1928 से कि जा रही है इसकी जानकारी संस्था के स्वामी पूर्णानंद ने दी ये सेवा और समर्पण संस्था का मूल उद्देश्य है. यहा माँ की कृप्या बनी रहे इसकी कामना होती है. मां शक्ति स्वरूपा हैं, भक्ति और शक्ति दोनों उनके पास है. उनकी भक्ति के साथ मां की शक्ति भी हमारे साथ होती है.
महाष्टमी के मां के अस्त्रों का प्रदर्शन भी होता है. भोग, आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेते हुए मां की भक्ती की जाती है . प्रेम और करूणा के बीच मां की भक्ति और शक्ति दोनों यहां देखने को मिलती है.