मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में ग्राम पंचायत ने एक युवक से कहा है कि वह पांच दिनों के भीतर युवती (पत्नी) को उसके घर छोड़ आए या फिर बहिष्कार का सामना करने के लिए तैयार रहे। घटना सरधना तहसील के गोटका गांव की है, जहां ठाकुर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले प्रेमी और प्रमिका ने भागकर मंदिर में शादी कर ली, जिससे पूरे समुदाय का गुस्सा भड़क गया।
पड़ोसियों ने समान गोत्र में शादी करने पर ऐतराज जताया। वहीं मेरठ की एक ग्राम पंचायत ने युवक के परिवार को पांच दिनों के भीतर युवती को वापस उसके घर भेजने का आदेश दिया। साथ ही ऐसा न करने पर बहिष्कार की चेतावनी भी दी।
रविवार को पंचायत की बैठक में यह आदेश दिया गया। पंचायत में कई गांवों के ठाकुर समुदाय के लोगों ने भाग लिया, जिसमें पूर्व भाजपा विधायक संगीत सोम भी शामिल थे, जिन्होंने परिवारों से मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने और 10 सदस्यीय समिति बनाने के लिए कहा।
पंचायत में से एक अशोक सिंह ने कहा, "हम इस वैवाहिक बंधन को स्वीकार नहीं करते, क्योंकि यह सामाजिक ताने-बाने को तोड़ता है। यह हमारी परंपरा के खिलाफ है। गांव की बेटी को अपनी बहू नहीं बना सकते। गांव के सभी निवासियों का एक पूर्वज है, यानी वे सभी भाई-बहन हैं।"
उन्होंने कहा, "यह शादी एक बुरी मिसाल कायम करेगी और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगी। इसलिए, सामाजिक रूप से एक मजबूत संदेश की जरूरत है। हम कानूनी तौर पर ज्यादा कुछ नहीं कर सकते।"
तनु और शुभम की जोड़ी ने 20 मई को मेरठ के एक मंदिर में शादी की थी। इसकी भनक दोनों में से किसी भी परिवार को नहीं थी।
हालांकि 12 सितंबर को जब उनकी गुपचुप शादी की खबर सार्वजनिक हुई तो उन्होंने सरधना तहसील में अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करा दिया।
बाद में जान को खतरा होने के डर से दोनों ने सुरक्षा के लिए एसएसपी कार्यालय का दरवाजा भी खटखटाया था।
एसएसपी मेरठ रोहित सिंह सजवान ने कहा, "दंपति ने पांच दिन पहले मुझसे सुरक्षा की मांग की थी। खतरा होने पर हम उन्हें सुरक्षा प्रदान करेंगे।"
इस बीच तनु के पिता देवेंद्र सिंह ने दावा किया कि शुभम उसे जबरदस्ती ले गया। उन्होंने कहा, "हमने पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन बहुत कुछ हासिल नहीं हो सका।"