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चंदौलीः वासुदेव पांडेय का नाम आपके लिए भले ही नया हो, लेकिन पुलिस महकमे में इनके नाम और काम की खूब चर्चा होती रही, महकमे में लंबे समय तक अपनी सेवा देने के बाद 31 अक्तूबर को चंदौली से बतौर हेड कांस्टेबल रिटायर हो गए। भदोही जनपद निवासी वासुदेव पांडेय का सेवाकाल काफी दिलचस्प रहा। ब्रस्ट फायर खोल कर शूटआउट के दौरान जौनपुर के पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह की जान बचाई थी तो यूपी के गृहमंत्री सहित कई बड़े नेताओं के गनर भी रहे।

ब्रस्ट फायर खोल बचाई थी बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की जान


एक दिन पहले ही सेवानिवृत्त हुए हेड कांस्टेबल वासुदेव पांडेय पुलिस विभाग में नौकरी के दौरान यूपी के पूर्व गृहमंत्री स्वर्गीय गोपानाथ दीक्षित, विधान सभा अध्यक्ष सहित कई प्रमुख नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था में बतौर गनर अपनी सेवा दे चुके हैं, लेकिन वासुदेव पांडेय के नौकरी काल का न भूलने वाला दिन रहा चार अक्तूबर 2002। वासुदेव पांडेय बताते हैं कि नदेसर में टकसाल सिनेमा के पास शाम छह बजे पूर्व सांसद धनंजय सिंह को मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी और अभय सिंह के गुर्गों ने घेर लिया। 


वासुदेव पांडेय धनंजय सिंह के साथ बतौर सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। दोनों तरफ से गोलियां चलने लगीं। धनंजय सिंह चारों तरफ से घिर चुके थे। तब वासुदेव ने अपनी 9 एमएम कार्बाइन से 59 राउंड फायरिंग की। उन्होंने ब्रस्ट फायर खोलकर बदमाशों को उल्टे पांव भागने पर मजबूर कर दिया। वासुदेव के अनुसार बिहार के रहने वाले एक बदमाश की गोली लगने से मौत भी हो गई थी। लेकिन उसके साथी शव लेकर भागने में कामयाब रहे। 


इसके अलावा धनंजय सिंह को दो गोली और खुद वासुदेव पांडेय के सिर के पास गोली लगी थी। किसी तरह मौते के मुंह से बाहर आए। इस शूटआउट में आधा दर्जन लोग गोली लगने से घायल हुए। हालांकि इस मामले में धनंजय सिंह ने केवल अभय सिंह और उसके साले को नामजद किया। वासुदेव पांडेय सरकारी गवाह बने। मुकदमा अभी भी वाराणसी की कोर्ट में विचाराधीन है। वासुदेव पांडेय ने बताया कि चंदौली जिले में बालू और खनन माफिया अभी भी हावी हैं। इसपर नकेल कसने की जरूरत है।

रिपोर्ट- प्रदीप दुबे

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