अयोध्याः श्री राममंदिर निर्माण के साथ ही परकोटे का भी निर्माण भी दिस्मबर से शुरू हो जाएगा. परकोटा व राम जन्मभूमि पथ के निर्माण के बीच कई प्राचीन व पौराणिक मंदिर आ रहे हैं. ऐसे में ये अटकलें लगाई जा रही थी की श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पौराणिक मंदिरों को अधिग्रहीत कर उन्हें तोड़ने की योजना बना रहा है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्पष्ट किया है कि पौराणिक मंदिरों की सुरक्षा से ही रामकोट व राममंदिर की पहचान है. कोई भी पौराणिक मंदिर नहीं तोड़ा जाएगा और न ही इसकी जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि साजिश के तहत ऐसी अफवाह फैलाई जा रही है। इसमें सच्चाई नहीं है.
मंदिर की दिव्यता और भव्यता के लिए चारों तरफ परकोटे का निर्माण किया जाएगा. ट्रस्ट के मुताबिक परकोटा 14 फीट चौड़ा होगा. साथ ही यह चारों दिशाओं में आयताकार होगा, ताकि श्रद्धालु अपने आराध्य की परिक्रमा आसानी से कर सकें. साथ ही परकोटे के चारों कोने पर मंदिर बनाए जाएंगे. परकोटे के दीवारों पर प्रभु श्रीराम से जुड़े चित्रों को प्रदर्शित किया जाएगा.
800 मीटर पैदल परकोटे की दूरी होगी. परकोटे के चारों तरफ चार मंदिर बनाए जाएंगे. इसके अलावा परकोटे में उत्तर और दक्षिण की दिशा में बीचों-बीच में भी मंदिर रहेगा. अर्थात कुल छह मंदिर बनाए जाएंगे और परकोटे के दीवार में 150 चित्र बनाए जाएंगे.