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धनबाद: कोयलांचल के सबसे बड़े अस्पताल PMCH जिसका नाम हेमंत सरकार ने 16 अगस्त 2020 को बदल कर SNMCH (शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल )कर दिया था. सुविधाओं से लैस इस अस्पताल पर आसपास के 6 जिलों का भार है. यहा सुविधाएं रहने के बावजूद मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है. आपातकाल में व्यवस्था भी केवल नाम मात्र की सुविधा है.


बताया जा रहा है कि राम बाबू के गाड़ी का दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण उन्हें एसएनएमसीएच ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई. वहीं उनके साथ दुर्घनाग्रस्त हुए परिवार के कई लोगों की हालत गंभीर थी उसके बाद भी आपातकालीन में सही से इलाज नहीं किया गया. 


राम बाबू सिंह की छोटी बेटी रिंकी सिंह ने एसएनएमसीएच  की व्यवस्था पर सरकार से ट्वीट करते हुए सवाल किया है. उन्होंने लिखा- मेरी मां,बहन की हालत गंभीर थी दर्द से तड़प रही थी पर इन्हें बिना कोई लोकल अनेथिसिया दिए आंख और सिर में लगी गंभीर चोट को बोरे की तरह सिलाई कर दी गई. बहन की आंख में कांच घुसा था पर किसी ने निकाला नहीं, हमलोग डॉक्टर व नर्स से मदद की गुहार लगा रहे थे पर कोई सुनने वाला नहीं. इस हालत में लोग सरकारी व्यवस्था पर कैसे यकीन करें।’ वही उन्होंने ट्वीट में अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि एक घण्टे तक कोई भी कर्मचारी स्ट्रेचर तक ले कर नहीं आया.


आपको बता दे कि  हाल ही में झारखण्ड सरकार मुख्य सचिव ने भी एसएनएमसीएच की व्यवस्था को देख फटकार लगाया था. उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन बदलाव करने को तैयार नहीं है. बहरहाल अब देखना है कि एसएनएमसीएच की हालत में कब तक सुधार होता है और स्वास्थ्य विभाग इस मामले पर क्या कुछ कार्यवाही करती है.


 

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