रोहनियाः शनिवार को राजातालाब थाना अंतर्गत काशीपुर ग्राम निवासी धर्मराज पटेल अपने बाउंड्री का निर्माण करा रहे थे। शाम तक निर्माण पूरा हो जाने के बाद पीड़ित धनराज पटेल का पूरा परिवार खाना पीना खाकर सो रहा था। तभी रात के समय पीड़ित धर्मराज पटेल का विपक्षी रामराज पटेल और देवराज पटेल पहले से ही प्लान के तहत दस से पन्द्रह की जनसंख्या गोलबंदी कर पीड़ित परिवार के लोगो को दौड़ा दौड़ा कर मारना पीटना शुरू कर दिए। उक्त जानकारी के अनुसार मौके पर पहुंची पीआरबी 112 और संबंधित थाना और चौकी पुलिस द्वारा पीड़ित की कोई मदद नहीं की गई। और कार्रवाई का हवाला देते हुए पीड़ित परिवार को थाने से भगा दिया गया। सुबह पीड़ित परिवार को पुलिस द्वारा थाने पर बुलाकर पुलिस परिवार के छह व्यक्तियों को 151 में चालान कर दिया गया। तो वहीं दूसरी तरफ पीड़ित धर्मराज पटेल की पत्नी आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रही है। परंतु पीड़ित रेखा पटेल का अभी तक किसी अधिकारी द्वारा मदद नहीं किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार रेखा पटेल का थाने के बाहर रो रो कर बुरा हाल है और शासन प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रही है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जहां पर सूबे की सरकार बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा देती तो वहीं दूसरी तरफ खुद प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में एक पीड़ित महिला रात से ही पुलिस विभाग के आला अधिकारियों का चक्कर काट रही लेकिन उसे अभी तक न्याय नहीं मिला इससे यह सिद्ध हो जाता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस व्यवस्था चरमरा चुकी है। और न्याय देने की वजह दबंगों को शह देने का कार्य कर रही है।
अब देखना यह है कि पूरा मामला प्रकाश में आने के बाद उत्तर प्रदेश डीजीपी द्वारा इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है।
रिपोर्ट- जगदीश शुक्ला