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 आगराः कॉलेज के प्राचार्य तानाशाह बन गए मनमाने तरीके से लोगों को गुलाम बनाना चाहते हैं. मेरे द्वारा पूर्व में भी आगरा कॉलेज के संबंध में वित्तीय अनियमितताओं के संदर्भ में उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा लखनऊ को आगरा कॉलेज के प्राचार्य एवं प्रबंध समिति के द्वारा संपत्तियों को खुर्द बर्थ करने गबन एवं वित्तीय अनियमितताओं की जांच के संदर्भ में शिकायत करी गई है. इसी क्रम में एक शिकायत आगरा विकास प्राधिकरण में भी चली गई थी.

 जिसमें बिना नक्शा पास कराए मंदिर के सामने बॉटनी विभाग के पीछे केसी मेहता के विश्वविख्यात प्रयोगशाला को बर्बाद करते हुए शौचालयों का निर्माण हो रहा है और तो और बॉटनी विभाग को चौपट करने के लिए तीन लगाकर सूर्य के प्रकाश को रोकने का भी प्रयास कर आ गया है. इन शिकायतों के अलावा एक महत्वपूर्ण शिकायत आपके सम्मानित समाचार पत्र के माध्यम से आगरा कॉलेज के अध्यक्ष मंडलायुक्त आगरा को करना चाहता हूं यहां प्राचार्य की मनमानी के चलते और तानाशाही के चलते मानव अधिकार हनन हो रहा है. यहां पर दैनिक वेतन भोगी संविदा कर्मियों को तीन से चार हजार रुपए प्रतिमा के वेतन पर काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. जबकि आउटसोर्सिंग के लोगों को 10 से ₹15000 दिए जा रहे हैं और सिग्नेचर किसी और कागज पर कराया जाता है जो दैनिक वेतन भोगी संविदा कर्मी है.

 वह पिछले 10 से 15 साल से भी ऊपर से यह कार्यरत हैं और अपने वेतन वृद्धि एवं ईएसआई तथा पीएफ के लिए पूर्व में भी प्राचार्य तथा कॉलेज के अध्यक्ष मंडलायुक्त से मिल चुके हैं इस संदर्भ में मानवीय आधार रखते हुए आगरा के  एस पी सिंह बघेल ने भी पत्र लिखे हैं लेकिन उनकी भी बात को प्राचार्य ने दरकिनार कर दिया है. यहां कर्मचारियों को गुलाम सा बना दिया है इसी संदर्भ में परेशान कर्मचारियों का एक प्रतिनिधि मंडल समस्या के समाधान के लिए मेरे पास आया और अपनी समस्याएं मुझे दी ताकि उनका कोई समाधान हो सके उसके लिए मैं आवाज उठा हूं कॉलेज के प्राचार्य और उनके आसपास के 2----3 टीचरों के व्यवहार से सभी लोग परेशान हैं. कॉलेज के कुछ प्रोफेसर भी मुझसे मिले उन्होंने भी इन समस्याओं के बारे में बताया कि किस प्रकार से मनमानी और नोटिस नोटिस कॉलेज में खेला जा रहा है.

 सभी को जानकारी है कि कॉलेज में इंजीनियरिंग कॉलेज अलग है लेकिन प्रचार उसके लिए भी अलग से नियमानुसार प्राचार्य की नियुक्ति नहीं कर रहे हैं. पता नहीं कौन सा बैर निकाल रहे हैं और कॉलेज को बर्बाद कर रहे हैं हद तो यह है. जी बीबीए और बीसीए में भी मात्र एक एक टीचर शेष रह गया है. आगरा कॉलेज विधि विभाग की कुगत भी किसी से छुपी नहीं है वहां मन्नता का विषय पहले ही बड़े प्रश्न चिन्ह के घेरे में है. अब कर्मचारियों की यह बड़ी परेशानी स्तब्ध कर देने वाली है. महाविद्यालय में सेल्फ फाइनेंस के पैसे को भी इधर उधर करने की शिकायतें मिल रही है उनके खाते के दुरुपयोग की भी आवाज उठ रही है. जिसकी जांच के लिए जल्द ही जी-20 के सम्मेलन के तत्काल बाद आम आदमी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आगरा कॉलेज के अध्यक्ष मंडल आयुक्त महोदय से मिलकर जांच की बात को कहेगा तथा यह कॉलेज जो शिक्षा का केंद्र है और पिछले 200 सालों से आगरा के बच्चों के लिए शिक्षा के मंदिर के रूप में स्थापित है. अगर कोई इस कॉलेज को बर्बाद करने का प्रयास करेगा तो सामूहिक रूप से उसके खिलाफ आवाज उठाई जाएगी और निश्चित ही आगरा के लोगों के साथ मिलकर एक बड़ा आंदोलन कर आ जाएगा तथा संबंधित विभाग एवं मंत्रालय में शिकायत भी करी जाएगी.

रिपोर्ट- आरती यादव
 

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