बिहारः मनीष कश्यप को ईओयू ने एक दिन के लिए रिमांड पर लिया था. गिरफ्तारी के बाद से ही मनीष कश्यप के समर्थक विरोध कर रहे हैं. 23 मार्च यानी आज बिहार बंद का आह्वान किया गया है. इसको लेकर कई जगहों पर मनीष कश्यप के समर्थक सड़कों पर उतरे. इस दौरान आज सिकंदरा चौक के चारों ओर से बंद किया जा रहा है,
नवादा रोड, तुलाडीह में कुमार, गोखुला, अकौनी, पोहे व अन्य नजदीक ग्रामवासियों द्वारा शेखपुरा रोड- मातासी, परिहंडा, अचम्भो, चौढी, व अन्य नजदीकी ग्रामीणों द्वारा लखीसराय रोड- घोंगसा, लोहंडा, बिषणपुर जमुई रोड- मनजोश, कर्मा, सिझौरी, कुंदरी रोड को बंद कर दिया गया. उनका कहना है कि लोकतंत्र व लोकतान्त्रिक व्यवस्था को जिन्दा रखना हम सभी बिहार वासियो का मौलिक कर्तव्य भी और अधिकार भी है. हमारे इस मौलिक अधिकार को हमसे कोई छीन नहीं सकता.
तमिलनाडु मामले में मनीष कश्यप की गिरफ्तारी के बाद उसके समर्थकों और राष्ट्रीय जन जन पार्टी ने बिहार बंद का आह्वान किया है. इस बंद को ब्राह्मण-भूमिहार एकता मंच ने भी अपना समर्थन दिया है. उधर आरजेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष कुमार ने कहा कि आज राज्य भर में चक्का जाम किया जाएगा लेकिन एंबुलेंस, स्कूल बस, परीक्षार्थी जैसे अति आवश्यक वाहनों को इससे अलग रखा जाएगा.
स्थानियों का कहना है कि बंद की बजह मनीष कश्यप व अन्य कई अन्य पत्रकारों के साथ हो रहे अन्याय. नीति-नियम से इतर होकर बिहार में लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकार को जिस तरह से उनकी बातो को दबाया व कुचला जा रहा, सरकार के इच्छा व गलत नीतियों के विरुद्ध कोई बात तक नहीं कर सकता, जो बाते करेगा उसे आतंकवादियों की तरह व्यवहार कर जेल भेज दिया जा रहा.
बिहार में ऐसा प्रतीत हो रहा है की यहाँ लोकतान्त्रिक सरकार ही नहीं है बल्कि कोई तानाशाह अपनी मनमर्जी से अपना कुशाशन चला रहा है.
साथ ही कहा बिहार सदैव है आंदोलन व न्याय की भूमि रहे है, जेपी आंदोलन के उपज ये सभी नेता क्या जेपी को भूल गए? क्या इन्हें वीर कुंवर सिंह का शौर्य व प्राकर्म याद नहीं? हम बिहारी लोग है, ना किसी के साथ अन्याय करना पसंद करते है और ना ही किसी का अन्याय सहना.
आंदोलनकर्ताओं की मांगे -:
1. मनीष कश्यप व अन्य पत्रकारों/यूट्यूबरो को जल्द से जल्द न्याय व रिहाई मिले.
2. बिहारी मजदूरों के साथ देश भर में हो रहे अन्याय के लिए एक आयोग गठित हो जो बिहारी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कर उनका लेखा-जोखा रखे और उनके हितो की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे .
3. तमिलनाडु में मजदूरों के साथ हुए हिंसा प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच टीम गठित हो, या फिर CBI/SIT को जांच के लिए सौपा जाये.
इस दौरान रजनीश सिंह, सौरव कुमार, गौरव कुमार उर्फ़ अगम मास्टर, रौशन कुमार, राजीव रंजन सिंह, शिवम कुमार, संजीत सिंह, प्रिंस कुमार, गौतम कुमार, लिट्टू सिंह, शशांक कुमार राजा सिंह, राहुल कुमार, प्रियांशु कुमार, अंकित कुमार, नीरज कुमार व अन्य आस पास के ग्रामीण जन शामिल रहे. यह प्रदर्शन RJJP प्रखंड अध्यक्ष रोहित कुमार के अगुआई में किया गया.