Shaurya News India
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चंदौली। शहाबगंज क्षेत्र के मसोई गांव में  मानस परिवार सेवा समिति द्वारा संकट मोचन हनुमान मंदिर परिसर मसोई में 12वी श्रीराम कथा महोत्सव के अंतर्गत वाराणसी के सुप्रसिद्ध कथा वाचक डा रामकमल दास बेदान्ती महाराज ने भरत जी के चरित्र को रामायण का सर्वश्रेष्ठ पात्र बताते हुए कहा कि मनुष्य के जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं की उपलब्धि से बढ़कर परस्पर सौहार्दय स्थापित करना है। आज जमीन व जायदादों के कारण भाई-भाई आपस में टकरा रहें हैं, पारिवारिक रिश्ते बिखर रहे है ऐसी विषम् परिस्थितियों में श्री राम कथा हमारे सम्मुख राजा दशरथ के चार पुत्रो का परस्पर सौहार्दय एवं प्रेम को स्थापित करने की प्रेरणा देता है।

 

 

माता  कैकेयी ने अपने बेटे भरत को राज्य तिलक एवं श्रीराम को 14 वर्ष का बनवास मांग कर परिवार में वैमनष्यता का बीज बो दिया तथा किन्तु सहजता एवं प्रेम की मूर्ति श्री भरत ने दो भाइयों के प्रेम में आहे आने वाली अयोध्या की राज सत्ता का परित्याग का अपने बड़े भाई श्रीराम को ही राज्य देने का निर्णय किया। मनुष्य को आज स्वार्थ से ऊपर उठकर त्याग और समर्पण की संस्कारों को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है तभी हम राम कथा को अपने जीवन में चरितार्थ कर सकेंगे (धर्म मनुष्य को मनुष्यता सीखाता है। धर्म का आचरण करने वाले बच्चे कभी अपने माता-पिता व अपने से श्रेष्ठ, आदरणीय जनों का अपमान नहीं करते। आज के मां-बाप को चाहिए कि वे अपने बच्चे को शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें" रामायण व गीता" भी पढ़ा ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी न केवल अर्थ सम्पन्न हो अपितु माता-पिता का आदर व किसी भी नारी में अपनी मां, बहन, बेटी का -दर्शन करें।कथा में मुख्य रूप से राजन सिंह,अरुण सिंह,बिकेश सिंह,बुल्लू सिंह,सतीश सिंह,रिट्टू सिंह,शैलेश सिंह जेपी सिंह पप्पू सिंह आदि शामिल थे।

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