वाराणसीः आज प्रतिकूल मौसम की परिस्थितियों में भी महिलाएं योग हेतु प्रतिदिन की तरह ही उत्साहित थी. इस आंधी एवं बारिश के मौसम में महिलाओं का उत्साह बेहद ही रोमांचकारी एवं दिलचस्प था. यह "ग्रीष्मकालीन महिला योग शिविर" कुलानुशासक मंडल एवं महिला यौन उत्पीड़न प्रतिषेध समिति, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हैं.
इस "ग्रीष्मकालीन महिला योग शिविर" के द्वितीय सप्ताह योग प्रशिक्षिका डॉ.चंद्रमणि,असिस्टेंट प्रोफेसर, योगा एंड नेचुरोपैथी एजुकेशन सेंटर, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी थी. वह योगएक्सपर्ट, डाइटिशयन,काउंसलर, प्राणिकहीलर है. वह वर्ल्ड प्राणिक हीलिंग फाउंडेशन की इंस्ट्रक्टर एवं "योगामृत" हॉलिस्टिक हेल्थ की डायरेक्टर भी है. उन्होंने शिविर में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि परिवार को संभालने की जिम्मेदारी में महिलाएं अपनी सेहत का ध्यान नहीं देती हैं, जिसके कारण वे अनेक रोगों से ग्रसित हो जाती है.
डॉ. चंद्रमणि ने बताया कि अगर महिलाएं अपनी दिनचर्या के साथ-साथ खान पान पर भी विशेष ध्यान देंगी तो वह स्वस्थ रह सकेंगी और एक स्वस्थ परिवार के निर्माण के लिए परिवार की महिला का स्वस्थ होना बेहद आवश्यक है. आज उन्होंने शिविर की शुरुआत गायत्री मंत्र प्रार्थना से किया. उसके उपरांत उन्होंने सूक्ष्म व्यायाम , चक्की चाल आसन ,नौकासन, नौका संचालनासन, उत्तानपादासन, पश्चिमोत्तानासन, भुजंगासन ,कटिचक्रासन, ताड़ासन ,वृक्षासन, त्राटक ,अनुलोम विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, कपालभाति, स्वच्छता और स्वास्थ्य के संकल्प के साथ शांति पाठ कराया.
कुलानुशासक एवं महिला यौन उत्पीड़न प्रतिषेध समिति की अध्यक्ष प्रोफेसर अमिता सिंह ने शिविर को संबोधित करते हुए कहा महिलाएं अपने साथ-साथ इस शिविर में योग करने लायक बच्चों को भी इसमें शामिल कर सकती हैं. योग बच्चों की एकाग्रता को बढ़ाएगा. योग उनके भीतर शारीरिक एवं मानसिक विकास को बढ़ावा देगा. बच्चे ही इस देश का भविष्य हैं, अतः उनका भी स्वस्थ होना जरूरी है.
कुलानुशासक मंडल की अध्यापिकाएं मौजूद थी. इसके अतिरिक्त प्रोफेसर भारती रस्तोगी, डॉ और उर्जस्विता सिंह एवं सुमन लता, विद्या ओझा, विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों की पत्नियां, बेटियां एवं उनके संबंधी भी नियमित रूप से शिविर में सहभागिता कर रहे हैं.
रिपोर्ट- अनंत कुमार