वाराणसीः उ प्र हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वारा सौहार्द्र सम्मान के लिए महाराष्ट्र के वरिष्ठ साहित्यकार रामकृष्ण विनायक सहस्त्रबुद्धे के नाम का चयन किया गया. मूलतः मराठी भाषी रचनाकार रामकृष्ण वि सहस्रबुद्धे को उपर हिन्दी संस्थान, लखनऊ से सौहार्द्र सम्मान ढाई लाख रुपए के साथ की घोषणा की गई है.
ज्ञातव्य है कि सहस्रबुद्धे पूर्व मध्य रेल, मुगलसराय मंडल के डीजल शेड से वरीय अनुभाग अभियंता के पद से अवकाश प्राप्त कर चुके हैं. २०११ में उन्हें भारत सरकार के राजभाषा विभाग, रेलमंत्रालय का प्रतिष्ठित मैथिली शरण गुप्त पुरस्कार उनकी पहली काव्य कृति अनुभव कोरा नहीं होता के लिए मिला था. उनकी अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. यह सम्मान उनके दोहा संग्रह मन के जीते जीत है पर प्रदान किया जाएगा.
अनेक साहित्यिक सामाजिक सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े और युगधारा फाऊंडेशन लखनऊ के संरक्षक सहस्रबुद्धे त्रैमासिक पत्रिका माध्यम का संपादन कर रहे हैं. संप्रति नागपुर में रहते हुए वे अनवरत साहित्य साधना में रत हैं. इस बाबत सहस्त्रबुद्धे से वार्ता के दौरान उन्होने कहा कि यह मेरे लिए और मेरे आत्मीय मित्रों के लिए निश्चित ही गर्व का विषय है.
आने वाले समय में और अधिक सार्थक कल्याणकारी साहित्य सृजन करने का एक अवसर भी दिया है. मेरे लिए यह सम्मान एक पड़ाव मात्र है, क्योंकि साहित्य के माध्यम से अभी बहुत काम करना शेष है.