Shaurya News India
इस खबर को शेयर करें:

वाराणसी : जिले के मंडुआडीह क्षेत्र के शिवदासपुर में विश्व हिंदू सेना के  राष्ट्रीय सचिव के दिग्विजय चौबे ने प्रेस वार्ता कर मीडिया से बताया कि 1991 से लगातार माँ श्रृंगार गोरी का दर्शन करते रहे, 1993 में जब मुलायम सिंह की सरकार बनी तब से रोका जाने लगा फिर भी हम लोग दर्शन करते रहे, किन्तु 1995 में श्रावण के प्रथम सोमवार को अशोक सिंघल हजारों कार्यकर्ताओं के साथ आये दर्शन करने किन्तु शासन के दबाव में तत्कालीन एसएसपी सूर्यकुमार शुक्ला ने लाठीचार्ज करवाया दर्जनों घायल हुए चित जी सहित सैकड़ो गिरफ्तार हुए.
ये स्थिति देख हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्व हिंदू सेना तत्कालीन शिवसेना नेता अरुण पाठक ने श्रावण के तृतीय सोमवार 1995 में जलाभिषेक और माँ माँ श्रृंगार गोरी के दर्शन का ऐलान किये, किन्तु प्रशासन ने अरुण पाठक को रोकने का प्रयास किया. उनका जल का लुटिया छीन लिया तब अरुण पाठक ने ब्लेड से हाथ काट कर रक्ताभिषेक का एलान किये, रक्त बहुत बह रहा था.
छत्ताद्वार तत्कालीन गेट नम्बर 4 से पाठक को सेवा सदन हॉस्पिटल ले जाया गया उनके हाथ में 28 टाँके लगे फिर प्रशासन ने दर्शन के पर अड़े पाठक और उनके कार्यकर्ताओं को 50-50 के जत्थे में दर्शन करवाया गया। अंतिम पाठक के साथ दर्शन करने गया फिर हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जहाँ टाँके लगे थे वहां अपने कानी उंगली टांको के बीच में घुसाकर रक्ताभिषेक किये और प्रशासन ने उन्हें ज्ञानवापी का पाच परिक्रमा भी करवाया तब से लगातार गिरफ्तारियां होती रही कभी पाठक जी का हाथ टूटा कभी पैर किया हर साल वो श्रावण के सोमवार व शिवरात्रि को गिरफ्तारी देते रहे, फिर जब 2017 में योगी जी की सरकार बनी तब एक नई उम्मीद जगी.

पाठक ने पत्र लिख कर कहा कि पिछले सरकारों की मजबूरी थी मुस्लिम तुष्टिकरण के तहत एक वर्ग को खुश करना किन्तु अब केंद्र में मोदीजी और प्रदेश योगी जी की सरकार की ऐसी कोई मजबूरी नहीं इसलिए इसबार माँ श्रृंगारगौरी का दर्शन हमलोगों करने दिया जाय और यदि हिंदूवादी सरकार में भी हमे रोका गया तो हम फिर से रक्ताभिषेक करेंगे इसके बावजूद रोका गया.
पाठक ने फिर प्रशासन के सामने ही हाथ काट कर रक्ताभिषेक किये इसबार 32 टाँके लगे दर्शन भी नहीं करने दिया गया उल्टा केस लिखा गया 2018 में माँ श्रृंगारगौरी के दर्शन के लिए आगे बढ़ रहे श्री पाठक को बलपूर्वक रोका गया फिर उनके बाएं टांग में फ्रेक्चर आया फिर हमारा संघर्ष जारी रहा और जब तक माँ श्रृंगारगौरी मुक्त नहीं होतीं तब तक जारी रहेगा.

रिपोर्ट- अनंत कुमार

इस खबर को शेयर करें: